देश में पिछले कुछ वर्षों से कारोबारियों की संख्या में जबरदस्त तेजी दिखी है। खास बात यह है कि स्वरोजगार करने वालों की संख्या सात साल में बढ़कर दोगुनी हो गई है। 2016-17 में स्वरोजगार करने वालों की संख्या 3.61 करोड़ थी, जो 2023-24 में 7.06 करोड़ के स्तर पर पहुंच गई।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) के मुताबिक, 2016-17 में हर 100 कार्यरत व्यक्ति में से 13 लोग कारोबारी थे। 2023-24 में यह संख्या बढ़कर 20 पहुंच गई है। 2023-24 में कुल 42.36 करोड़ लोगों के पास काम था। इसमें से 8.66 करोड़ कारोबारी थे।
आंकड़ों के मुताबिक, व्यावसायिक संरचना सात साल पहले की तुलना में अब बिल्कुल अलग है। 2016-17 में छोटे व्यापारियों और दिहाड़ी मजदूरों की कुल कार्यबल में 42.4 फीसदी हिस्सेदारी थी। किसानों और वेतनभोगी कर्मचारियों का हिस्सा क्रमशः 21 फीसदी और 23 फीसदी था। व्यावसायिक व्यक्तियों की संख्या कुल रोजगार में सिर्फ 13 फीसदी थी।
100 कार्यरत लोगों में 20 कारोबारी थे बीते वित्त वर्ष में, 2016-17 में आंकड़ा 13 था
रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में कुल कार्यबल में कारोबारी व्यक्तियों की हिस्सेदारी बढ़कर 20.4 फीसदी पर पहुंच गई है। छोटे कारोबारियों व दिहाड़ी मजदूरों का हिस्सा घटकर 30% के नीचे आ गया है। वेतनभोगी कर्मचारियों की संख्या में भी गिरावट आई। इनकी हिस्सेदारी 2023-24 में 21.8 फीसदी थी जो कोरोना महामारी के पहले के स्तर को पार कर गई है।