भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। देश के छोटे-छोटे शहर भी अब वित्तीय गतिविधियों का केंद्र बनते जा रहे हैं। आज, छोटे कस्बों और शहरों में लगभग सभी बड़े ब्रांड कदम रख रहे हैं, जिससे इन शहरों में विनिर्माण और सेवा क्षेत्र से जुड़े क्रियाकलाप भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके कारण यहां आर्थिक गतिविधियों में जोरदार तेजी दिखाई दे रही है। देश के ये छोटे शहर अब वित्तीय समावेशन और इसे अपनाने की पूरी प्रक्रिया में अवसरों की एक नई कहानी लिख रहे हैं। एक ओर जहां आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ रही है, वहीं भारत के इन टियर-2 और 3 शहरों में क्रेडिट कार्ड की मांग में भी लगातार तेजी आ रही है। RBI के ताजा आंकड़ों के अनुसार, टियर-1 शहरों में क्रेडिट कार्ड की पहुंच इस समय 65% है, इसके मुकाबले टियर 2 और 3 शहरों में इसकी पहुंच काफी कम रही है। लेकिन अब भारत के इन छोटे शहरों और कस्बों में भी इस प्रकार की ग्रोथ देखना वाकई में काफी उत्साहजनक है।
वित्तीय वर्ष 2024 की आखिरी तिमाही में 3.5 गुना बढ़ा क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल
वित्तीय संस्थानों को ग्राहकों तक पहुंच मुहैया कराने वाले फिनटेक संस्थान जेट के अनुसार भारत के टियर 2 और 3 शहरों में वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के दौरान क्रेडिट कार्ड की मांग में 3.5 गुना की वृद्धि दिखाई दी है। क्रेडिट कार्ड की यह मांग मुख्य रूप से यात्रा को लेकर बढ़ती सुविधाओं और लोगों के बीच पर्यटन की बढ़ती आकांक्षाओं के कारण आई है। जेट के मनीष शारा के अनुसार कार्ड कंपनियों की ओर से एयर माइल्स, होटल डिस्काउंट, ई-कॉमर्स से जुड़े ऑफ़र, ट्रैवल से जुड़े रिवॉर्ड या फ्यूल कैशबैक जैसी शानदार पेशकशों के साथ, क्रेडिट कार्ड भारत के दूरदराज के इलाकों में ग्राहकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। क्रेडिट कार्ड की बढ़ती मांग का एक मुख्य कारण ईंधन की बढ़ती कीमतें भी हैं, जिसके कारण टियर-2 और टियर-3 शहरों में फ्यूल क्रेडिट कार्ड तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।