दिल्लीराज्य

स्वच्छता ही सेवा अभियान के माध्यम से आयुष मंत्रालय बदलाव लाएगा

दिल्ली। देश भर में फैली अपनी सभी परिषदों और संस्थानों समेत आयुष मंत्रालय ने, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से साफ सफाई और स्वच्छता के लिए ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान की शुरूआत की है। ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ की थीम के तहत, इस अभियान में व्यावहारिक और सांस्कृतिक बदलाव दोनों पर फोकस किया जाएगा। अभियान के शुरूआती चरण के दौरान कुल 416 गतिविधियों को चिन्हित किया गया है, जिनके ज़रिए इस राष्ट्रव्यापी प्रयास के लिए आधार तैयार किया जाएगा।

आयुष मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने कहा, “आज, जब हम ‘स्वच्छता ही सेवा’ की शुरूआत कर रहे हैं, मुझे स्वच्छ भारत मिशन और सभी नागरिकों के लिए स्वच्छता, स्वास्थ्य और कल्याण के मूल्यों के प्रति आयुष मंत्रालय की प्रतिबद्धता जताते हुए गर्व हो रहा है। ये अभियान, जिसकी थीम स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता है, हमारे उस अटूट भरोसे को दर्शाता है कि स्वच्छता केवल एक बाहरी अभ्यास नहीं, बल्कि हमारे आंतरिक अनुशासन और सांस्कृतिक मूल्यों का प्रतिबिंब है। स्वच्छ भारत का मार्ग, हममें से हर व्यक्ति के हाथों से होकर जाता है। चाहे वह उचित अपशिष्ट प्रबंधन हो, स्वच्छता अभियान हो, या हमारे घरों और समुदायों में स्वच्छता सुनिश्चित करना हो, हर व्यक्ति की इसमें अहम भूमिका है। यह अभियान ऐसी बुनियाद पर खड़ा है, जिसमें हर नागरिक से इसमें न केवल भाग लेने की, बल्कि एक स्वच्छ और हरित भारत की ओर इस यात्रा को अपना मानकर इसमें शामिल होने की अपेक्षा की जाती है।

 

ये अभियान तीन प्रमुख स्तंभों पर आधारित है और प्रत्येक स्तंभ को ज्यादा से ज्यादा सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देने और सामूहिक प्रयासों के ज़रिए सार्थक प्रभाव डालने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पहले स्तंभ के रूप में, ‘स्वच्छता में जन भागीदारी’ , सार्वजनिक भागीदारी और जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है, जिसमें स्वच्छता को एक साझा जिम्मेदारी बनाने पर जोर दिया गया है। मंत्रालय ने ‘स्वच्छता में जन भागीदारी’ के तहत उद्देश्यों को पूरा करने के लिए 169 गतिविधियों की पहचान की है। स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत से ही, इसकी सफलता सामूहिक जिम्मेदारी पर आधारित रही है, जहां हर नागरिक की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। मंत्रालय का मकसद, इस सिद्धांत को और गहरा करना है ताकि लोगों में अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरणीय नेतृत्व के प्रति और ज़िम्मेदारी का भाव आ सके।

इस अभियान का समर्थन करने के लिए, इसमें नागरिकों को शामिल करने, उनकी समझ बढ़ाने और विभिन्न समुदायों को अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता के मूल्यों को अपनाने हेतु प्रेरित करने के लिए राष्ट्रव्यापी जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। आयुष मंत्रालय के इस अभियान के दौरान स्थानीय निकायों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, गैर सरकारी संगठनों, सीएसओ, उद्योगों और संघों को ज्यादा से ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया जा रहा है, ताकि नागरिकों को स्वच्छता प्रयासों में उनकी भूमिका को देखने के नज़रिए में बदलाव आ सके।

 

संपूर्ण स्वच्छता पहल के तहत, स्वच्छता लक्ष्य एकयी सहित दूसरे महत्वपूर्ण स्तंभ सम्पूर्ण स्वच्छता के अंतर्गत आयुष मंत्रालय द्वारा स्वच्छता अभियान के लिए 69 स्थानों का चयन किया गया है। इसका मकसद स्वच्छ और स्वस्थ स्थानों पर, उपेक्षित या चुनौतीपूर्ण स्थानों में बदलाव लाना है, जिन्हें अक्सर ब्लैक स्पॉट्स कहा कहा जाता है। इन स्थानों को नियमित स्वच्छता प्रयासों के दौरान प्रबंधित करना मुश्किल होता है, जिससे स्वास्थ्य और पर्यावरणीय जोखिम पैदा होने का खतरा रहता है।

यह अभियान मेगा स्वच्छता अभियान के ज़रिए, स्थानीय निकायों, खासकर गांवों में इन “ब्लैक स्पॉट” की चिन्हित करने और उनका निष्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करता है, ताकि नागरिकों और भागीदार संगठनों दोनों में जागरुकता पैदा की जा सके।

तीसरा महत्वपूर्ण स्तंभ ‘सफाई मित्र सुरक्षा शिविर’ है जो स्वच्छता कर्मचारियों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और कल्याण पर आधारित है, जिन्हें आमतौर पर सफाई मित्र के रूप में जाना जाता है। उनके प्रयासों का समर्थन करते हुए, काम करने के उनके हालातों में सुधार लाने के लिए 178 गतिविधियों की चिन्हित किया गया है। निवारक स्वास्थ्य जांच के तहत, ‘सफाई मित्रों’ और उनके परिवारों तक आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे।

इस बहुआयामी प्रयास के साथ, आयुष मंत्रालय सभी नागरिकों के लिए एक स्वच्छ, स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान, देश के, स्वच्छता को सबसे आगे रखने के संकल्प को और मजबूत करेगा, ताकि स्वच्छता देश के सांस्कृतिक ताने-बाने का एक स्थायी हिस्सा बन सके।

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