पर्यटन को मिली नई उड़ान, टूरिज्म कॉन्क्लेव में मिले 3000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि रीवा रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में पर्यटन क्षेत्र के लिए एक नई सुबह का आगाज़ हुआ है। आज पर्यटन श्रेत्र में प्रमुख निवेशकों ने रीवा और शहडोल संभाग में 3 हजार करोड़ से अधिक के निवेश की इच्छा जताकर इन क्षेत्रों में पर्यटन के विकास की अपार संभावनाओं को रेखांकित किया है। यह ऐतिहासिक पल दोनों संभागों के लिए आर्थिक समृद्धि और रोजगार के नए द्वार खोलेगा। कॉन्क्लेव में निवेशकों का उत्साह देखते ही बन रहा था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शनिवार को रीवा में दो दिवसीय रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव के शुभारंभ कार्यक्रम में पर्यटन क्षेत्र के निवेशकों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलन कर इस दो दिवसीय रीजनल कान्क्लेव का विधिवत शुभारंभ किया। यह कान्क्लेव 27 जुलाई को भी जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि विकास के मायने तभी हैं, जब हम अपनी जड़ों से, अपनी संस्कृति और अपनी विरासतों से भी आत्मीयता से जुड़े रहें। हम विरासत से विकास की ओर मिशन मोड में आगे बढ़ रहे हैं। विंध्य क्षेत्र हमेशा से ही मध्यप्रदेश का गौरव रहा है। इस क्षेत्र के विकास में अब कोई भी बाधा नहीं रही। हम यहां की हेरिटेज साइट्स को समुचित तरीके से सहेजकर पूरे विंध्याचल को उसका पुरा वैभव लौटायेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अपनी मीठी बोली, कला, संस्कृति, खान-पान में अपनत्व समेटे और सघन वनों की हरियाली से आच्छादित इस हरित क्षेत्र में आइडियल टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनने की पूरी संभावना है। हमारी सरकार पर्यटन सेक्टर को भी इंडस्ट्रियल सेक्टर की सारी सुविधाएं दे रही है। हमारी इन्वेस्टर फ्रेंडली पर्यटन नीति का भरपूर लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार 100 करोड़ रुपए लागत का कोई टूरिस्ट होटल, मोटल या रिसार्ट खोलने पर 30 करोड़ रुपए की सब्सिडी देगी। हेल्थ टूरिज्म के लिए 100 करोड़ रुपए लागत का कोई वेलनेस सेंटर खोलने पर 40 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी देगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई निवेशक रोजगार आधारित उद्योग लगाते हैं तो हमारी सरकार उस उद्योग से रोजगार पा रहे पुरूष श्रमिक को 5 हजार रुपए और महिला श्रमिक को 6 हजार रुपए दस साल तक प्रदान करेगी। उद्योग स्थापना में सरकार निवेशकों को सभी जरूरी मदद मुहैया करायेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का हृदय प्रदेश है और विंध्याचल प्रदेश का हर दिल अजीज हिस्सा है। यहां की माटी ने देश को नेतृत्व दिया है। यहां के वनों में सफेद शेर खुले में विचरण करते हैं। यह क्षेत्र खनिजों और लौह अयस्क से भरा हुआ है। देश की ऊर्जाधानी (रीवा और सिंगरौली) भी इसी क्षेत्र में है। दिल्ली की मेट्रो ट्रेन यहीं से उत्पादित बिजली से ही चलती है। पूरे देश और प्रदेश को रौशन करने वाले इस क्षेत्र में हम विकास की नई रौशनी लेकर आएंगे। उन्होंने कहा कि रीवा में एयरपोर्ट बनने से इस क्षेत्र के विकास को नए पंख लग गए हैं। अब रीवा आना-जाना कठिन नहीं रहा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विंध्य क्षेत्र प्रदेश की संस्कृति को वैचारिक और आध्यात्मिक रूप से भी पोषित करता है। रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के बाद रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव का आयोजन यह संकेत है कि हम इस क्षेत्र को पर्यटन के क्षेत्र में आगे लाने के लिए कोई कसर नहीं रखेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रीवा और संपूर्ण विंध्यांचल न केवल प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहरों से समृद्ध है, बल्कि यह कई अनोखे प्राकृतिक चमत्कारों से भी धनी क्षेत्र है। उन्होंने बताया कि रीवा हवाई अड्डे की स्थापना के बाद अब यह क्षेत्र देश के अन्य हिस्सों से जुड़ गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार विंध्य क्षेत्र के बहुआयामी विकास के लिए प्रयासरत है। समृद्ध प्राचीन विरासतों से भरपूर इस क्षेत्र की सभी संभावनाओं की पहचान कर पर्यटन विकास को और गति दी जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि इस क्षेत्र में जीवंत जंगल हैं। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य इसे सुंदरतम बनाता है। वसुधैव कुटुंबकम के तहत हम सबको जोड़ना चाहते हैं। इस क्षेत्र के विकास का कारवां अब निर्बाध गति से प्रवाहमान है। धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ यहां हेल्थ टूरिज्म की भी व्यापक संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहाकि विंध्य क्षेत्र में पर्यटन सुविधाएं बढ़ाने के लिए हम निजी निवेशकों के साथ मिलकर नई संभावनाओं पर काम करना चाहते हैं। उन्होंने निवेशकों से आव्हान किया कि वे मध्यप्रदेश की धरा पर विशेषकर विंध्य अंचल में निवेश के लिए खुले दिल से आगे आएं, सरकार निवेशकों को हर जरूरी सुविधा और सहयोग उपलब्ध कराऐगी।