राजस्थानराज्य

मजबूत- निरामय राजस्थान का संकल्प सिद्धि की ओर, पूर्ववर्ती सरकार के समय दयनीय स्थिति में रही चिकित्सा व्यवस्थाएं : मुख्यमंत्री शर्मा

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार के सतत् प्रयासों से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में अभूतपूर्व सुधार आया है और वे देशभर में मिसाल बन रही हैं। गांव-ढाणी से कस्बों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं और सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं और हम निरामय राजस्थान के संकल्प की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सक्रिय योगदान देने के लिए चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया।

श्री शर्मा एसएमएस मेडिकल कॉलेज परिसर में जयपुर मेडिकल एसोसिएशन द्वारा आयोजित डॉक्टर्स-डे कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने डॉक्टर्स-डे की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिन उत्कृष्ट चिकित्सक के रूप में मानवता की सेवा में अभूतपूर्व योगदान देने वाले डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय को समर्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सकों को भगवान के समान माना गया है क्योंकि वे अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों को नया जीवन देते हैं। कोरोना महामारी के दौरान भी डॉक्टरों ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था।

राज्य सरकार स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील-
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने विगत डेढ़ वर्ष के अल्प समय में स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत करते हुए गांव-ढाणी तक मजबूत चिकित्सा तंत्र की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हमारी सरकार ने अपने पहले बजट में ही स्वास्थ्य के लिए 27 हजार 660 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था, जो कि बजट का 8.26 प्रतिशत था। यह राज्य सरकार की स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता दिखाता है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में किसी भी बजट में स्वास्थ्य को 6 प्रतिशत से अधिक बजट नहीं दिया।

पूर्ववर्ती सरकार ने स्वास्थ्य योजनाओं में किए अपर्याप्त वित्तीय प्रावधान-
श्री शर्मा ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने बिना पर्याप्त वित्तीय प्रावधान के कई योजनाएं शुरू की। जिसके कारण शहरों के साथ-साथ गांव-ढाणी तक चिकित्सा का ढांचा दयनीय स्थिति में पहुंच गया था। चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की नीतिगत खामियों और क्रियान्वयन में रही लापरवाही के कारण प्रदेशवासियों को इसका लाभ नहीं मिल सका। पूर्ववर्ती सरकार ने इस योजना में केवल 1 हजार 800 पैकेज ही शामिल किए, जिसके कारण कई रोगों का उपचार नहीं हो सका।

मा योजना में 2300 से अधिक पैकेज शामिल, 3500 करोड़ का बनाया कोष-
श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने रोगियों की पीड़ा को समझते हुए चिरंजीवी योजना की खामियों को दूर कर मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य (मा) योजना लागू की। इसमें अब ऐलोपैथी से लेकर आयुष पद्धति और सामान्य बीमारियों से लेकर ट्रांसप्लांट और रोबोटिक सर्जरी तक उपचार की सुविधा मिल रही है। मा योजना में 2 हजार 300 से अधिक पैकेज शामिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि योजना में प्रतिदिन करीब 8 हजार मरीजों को उपचार मिल रहा है। साथ ही, इस योजना के लिए 3 हजार 500 करोड़ रुपये का कोष भी बनाया गया है।

राज्य सरकार ने की स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना व क्रमोन्नयन-
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार अपने पहले एक वर्ष के कार्यकाल में एक भी उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र क्रमोन्नत नहीं कर पाई, न ही किसी नए पीएचसी, सीएचसी, उप जिला अस्पताल, जिला अस्पताल, सेटेलाइट अस्पताल या ट्रोमा सेंटर की स्थापना की गई जबकि हमारी सरकार ने डेढ़ साल में ही 19 नए उप स्वास्थ्य केंद्र और 10 नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की है। वहीं, 49 उप स्वास्थ्य केंद्रों का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 43 पीएचसी का सीएचसी में क्रमोन्नयन भी किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 47 उप जिला चिकित्सालय, 12 जिला अस्पताल, 8 सेटेलाइट अस्पताल तथा 6 नवीन ट्रोमा सेंटर भी खोले हैं।

24 हजार से अधिक पदों की भर्ती, 5 मेडिकल कॉलेजों में सत्र प्रारम्भ
श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के दृष्टिगत राज्य सरकार ने चिकित्सा क्षेत्र में 24 हजार से अधिक पदों पर भर्तियां की हैं। करीब 26 हजार भर्तियां प्रक्रियाधीन हैं। साथ ही, 5 नए मेडिकल कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र प्रारम्भ किए गए हैं। इसी वर्ष टोंक एवं जैसलमेर के मेडिकल कॉलेज भी प्रारंभ हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आरयूएचएस अस्पताल के लिए 700 करोड़ रुपये का प्रावधान कर इसे रिम्स (राजस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) के रूप में विकसित कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के अंतर्गत 15 हजार करोड़ रुपये के निर्माण कार्य करवाए जा रहे हैं। राज्य सरकार मा-वाउचर योजना शुरू कर गांव-कस्बों में गर्भवती महिलाओं को सोनोग्राफी की सुविधा भी उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक 6 करोड़ 23 लाख से अधिक आभा आईडी बनाई जा चुकी है। आभा आईडी बनाने में राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि राज्य सरकार चिकित्सकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्राथमिकता के साथ कदम बढ़ा रही है। चिकित्सकों के कल्याण के लिए निरंतर निर्णय लिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में चिकित्सा विभाग को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। विभाग में विभिन्न पदों पर भर्तियों से गांव ढ़ाणी तक स्वास्थ्य का ढांचा मजबूत हो रहा है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विभाग में हमने पारदर्शी, ईमानदार और शुचितापूर्ण व्यवस्था लागू की है।

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