विकसित भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने स्टार्टअप व उद्योगों को मजबूती देने के लिए अहम घोषणाएं की हैं। स्टार्टअप पर लगने वाले एंजल टैक्स को खत्म कर दिया गया है।
एंजल टैक्स मनमोहन सिंह सरकार 2012 में लाई थी। तब प्रणब मुखर्जी वित्त मंत्री हुआ करते थे। इसके अनुसार, जब कोई गैर-सूचीबद्ध कंपनी निवेशकों को शेयर जारी करके पैसा जुटाती है तो उस पर लगने वाले टैक्स को एंजल टैक्स कहा जाता था। यह टैक्स उस प्रीमियम पर लगता था जो निवेशक शेयरों के वास्तविक मूल्य से ज्यादा चुकाते थे। स्टार्टअप्स और निवेशकों लंबे समय से यह तर्क देते रहे हैं कि यह इनोवेशन और फंडिंग में बाधा डालता है। एंजल टैक्स खत्म कर सरकार ने इन्हें बड़ी राहत दी है।
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वहीं, जीडीपी में 27% हिस्सेदारी की वाले एमएसएमई सेक्टर के लिए वित्त पोषण, नियामकीय बदलावों और प्रौद्योगिकी समर्थन के साथ बजट में आठ बड़ी घोषणाएं की गई हैं। इन उद्योगों को 100 करोड़ की ऋण गारंटी दी गई है। इसके तहत मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए कुछ भी गिरवी रखे बिना व तीसरे पक्ष की गारंटी के बिना एमएसएमई ऋण ले पाएंगे। इन ऋणों के जोखिम को पूलिंग के आधार पर कवर किया जाएगा। इसके लिए स्ववित्त पोषित गारंटी निधि बनाई जाएगी। उधर, सरकार अब एमएसएमई के लिए ऋण सुविधा को सुलभ बनाने पर जोर देगी।