दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि बायोफ्यूल मिश्रण के माध्यम से, देश आयात बिल में 91,000 करोड़ रुपये की बचत कर सकता है और इस पैसे का उपयोग कृषि क्षेत्र के लाभ के लिए किया जा सकता है। आज बेंगलुरु में 27वें ऊर्जा प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए, उन्होंने कहा कि भारत ने वैश्विक स्तर पर बायोफ्यूल मिश्रण में दूसरा स्थान हासिल किया है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत समय से काफी पहले अगले साल में ही 20 प्रतिशत बायोफ्यूल मिश्रण के लक्ष्य को हासिल कर लेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे हमारी रिफाइनरियां हरित ऊर्जा की ओर बढ़ रही हैं, देश ग्रीन हाइड्रोजन के लक्ष्य को पाने में सफल होगा। मंत्री ने कहा कि भारत की ऊर्जा मांग 2047 तक ढाई गुना बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत की कच्चे तेल शोधन क्षमता 400 से 450 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष तक पहुंच गई है, जो वैश्विक औसत का एक तिहाई है।
उन्होंने कहा कि 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश को अपने प्रयासों को दोगुना करना होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा, स्थिरता और प्रौद्योगिकी नवाचार को ऊर्जा क्षेत्र में लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक साथ काम करना चाहिए। तीन दिवसीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी सम्मेलन का आयोजन सेंटर फॉर हाई टेक्नोलॉजी और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया गया है। सम्मेलन में 1200 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं, जिसमें 60 पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।
सम्मेलन में 23 एक्जीबिटर्स अपनी नवीनतम तकनीकों का प्रदर्शन करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने वर्ष 2023-24 के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा दिए जाने वाले सर्वश्रेष्ठ ऊर्जा कुशल तकनीक पुरस्कारों का वितरण किया।