छत्तीसगढ़राज्य

ब्लेक फ़िल्म लगे वाहनों एवं अनाधिकृत नेम प्लेट एवं पदनाम लिखे वाहन चालकों मालिको को सख्त चेतावनी

बिलासपुर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के दिशा निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात रामगोपाल करियारे के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में जिले में सरल, सुगम, सुव्यवस्थित एवं सुरक्षित आवागमन हेतु नियमित रूप से सड़क व्यवस्था के नोडल अधिकारियों एवं विभिन्न इकाइयों, संस्थाओं, संचालकों के साथ मीटिंग लेकर सड़क सुरक्षा सम्बन्धी विभिन्न सुधरात्मक एवं समाधान कारक बेहतर प्रयास उक्त सभी के सहभागितापूर्ण समन्वय से किया जा रहा है।
इसी क्रम में आज कार एसेसरीस, रेडियम, नेमप्लेट एवं वाहनों के डेकोरेशन आदि से सम्बंधित दुकान संचालकों का आवश्यक बैठक लिया गया जिसमें समस्त संचालकों को किसी भी वाहन में काला सीसा या ब्लैक फिल्म नहीं लगाए जाने हेतु हिदायत दी गई एवं किसी भी दुकान में बैक फिल्मों को स्टोर करके नहीं रखने हेतु निर्देशित किया गया। वाहनों में मनोरंजन और फैशन के तौर पर लगाए जाने वाले बुफर या साउंड सिस्टम जिसकी तेज आवाज के कारण वाहन चालक एवं अन्य सवार यात्रियों को अन्य वाहन के द्वारा दिए जा रहे आवाज या सिग्नल को नहीं समझ पाते, ऐसे बुफर या तेज आवाज की साउंड सिस्टम वाहन के अंदर नहीं लगाए जाने हेतु समझाइस दी गई।
इस दौरान समस्त नेम प्लेट लिखने वाले दुकान संचालकों को अधिकृत वाहनों में ही नेम प्लेट लिखे जाने के संबंध में अवगत कराया गया तथा जिस वाहन में नेम प्लेट, पदनाम लिखने हेतु अधिकृत नहीं है ऐसे वाहनों पर किसी भी स्थिति में वाहन मालिक या वाहन में सवार होने वाले व्यक्तियों के नाम अंकित नहीं की जाए इस हेतु समझाइस दी गयी।
माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा इस संबंध में दिए गए निर्देशों का समुचित पालन किए जाने हेतु समस्त उपस्थित संचालकों को समझाइस दी गई जिसके तहत सभी प्रकार कार आदि वाहनों की विंडशील्ड और खिड़कियों पर ब्लैक फिल्म (डिटेंड ग्लास) लगाने की कुछ नियम है माननीय उच्चतम न्यायालय के अनुसार कार के सामने और पीछे के शीशे की विजिबिलिटी कम से कम 70% और साइट शीशे कि विजिबिलिटी कम से कम 50% अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।
इसका मतलब है कि इतनी पारदर्शी होनी चाहिए कि बाहर से रोशनी अंदर आ सके और अंदर से बाहर देखी जा सके। इसका समुचित पालन किए जाने हेतु समस्त उपस्थित संचालकों को दी गई जिसमें उनके द्वारा इसके पालन के अपनी प्रतिबद्धता जाहिर किया गया। प्रतिबंधित सर्च लाइट के विक्रय नहीं किए जाने के संबंध में सभी को समझाइस दी गई।
बैठक में पूरे जिले भर से उक्त संचालकों की अधिकाधिक संख्या में उपस्थिति रही जिन्हें यह भी बताया गया कि सभी “यातायात मित्र” के रूप में यातायात विभाग की सहयोगी एवं सहभागी बने तथा अपने-अपने दुकान के सामने एम व्ही एक्ट के धाराओं का उल्लेख करते हुए उन धाराओं के उल्लंघन पर किए जाने वाले प्रथम एवं पश्चातवर्ती उल्लंघन पर अधिनियम में किये जाने जुर्माना की राशि का उल्लेख कर सभी दुकान के सामने बोर्ड के रूप में उल्लेखित करें ताकि आम लोगों को यातायात के प्रावधानों के संबंध में अद्यतन जानकारी प्राप्त हो सके।

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