राजस्थानराज्य

आपराधिक गतिविधियों से अर्जित संपत्तियों के प्रकरणों में हो सख्त कार्रवाई, गिरफ्तार व्यक्ति के लिए जाएं फिंगरप्रिंट्स : मुख्यमंत्री शर्मा

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा नए कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन में आवश्यक संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।

श्री शर्मा ने मुख्यमंत्री निवास पर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम के प्रदेश में क्रियान्वयन के संबंध में गृह विभाग की उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आमजन को सुरक्षा एवं त्वरित न्याय देना राज्य सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है, जिसके क्रम में राज्य सरकार ने कई नीतिगत निर्णय लिए हैं। साथ ही, गृह विभाग को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए राज्य बजट 2025-26 में कई प्रावधान भी किए गए हैं।

रिक्त पदों को शीघ्र भरने के निर्देश

श्री शर्मा ने गृह विभाग में रिक्त पदों को शीघ्र भरने एवं पदोन्नति करने के निर्देश दिए ताकि पर्याप्त मानव संसाधन के नियोजन से प्रदेश के हर क्षेत्र में अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगे। उन्होंने कहा कि गृह विभाग आगामी वर्षों में रिक्त होने वाले पदों का भी पूर्ण विवरण तैयार करे ताकि कार्मिक के सेवानिवृत्त होते ही तुरंत भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा सके। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि गृह विभाग से जुड़े शत प्रतिशत कार्मिकों को नए कानूनों के बारे में प्रशिक्षण देना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि आपराधिक गतिविधियों से संपत्तियां अर्जित करने वाले अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्तियां जब्त की जाए जिससे उनके हौंसले पस्त हों। उन्होंने प्रत्येक गिरफ्तार व्यक्ति के फिंगरप्रिंट लेने एवं ई-सम्मन की प्रभावी तामील कराने के निर्देश दिए ताकि अपराधियों पर सतत् निगरानी के साथ प्रभावी नियंत्रण भी रहे। उन्होंने कहा कि पहली बार अपराध करने वाले को नवीन कानूनों में एक तिहाई सजा पूर्ण होने पर रिहा करने का प्रावधान है। ऐसे मामलों में संवेदनशीलता रखते हुए शीघ्र निर्णय लिया जाए। बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि गत दिनों केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं केन्द्रीय गृह सचिव द्वारा ली गई बैठकों में दिए गए निर्देशों के अनुसार नए कानूनों के क्रियान्वयन की कार्यवाही की जा रही है। पुलिस के कुल 84 प्रतिशत से अधिक कार्मिकों को नवीन कानूनों का प्रशिक्षण दिया जा चुका है तथा 98.5 प्रतिशत जांच अधिकारी भी प्रशिक्षण ले चुके हैं। नए कानूनों के तहत प्रदेश में अब तक 1 लाख 12 हजार से अधिक एफआईआर दर्ज हुई हैं, जिनमें से 75 हजार से अधिक का निस्तारण भी किया जा चुका है। इस दौरान विधि विज्ञान प्रयोगशाला के सुदृढ़ीकरण, जीरो एफआईआर, ई-साक्ष्य जैसे विषयों पर भी गहन चर्चा की गई।

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