
रायपुर। अच्छी किताबें पढ़ने के बाद हम सभी चाहते हैं कि जो विद्या हमने इससे सीखी है उसे दूसरों तक भी पहुंचाएं और इसके लिए पुस्तकालयों को किताबें देने से बेहतर कुछ नहीं जहां किताबों के प्रेमी आते हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय हमेशा पठन-पाठन को बढ़ावा देने का जतन करते हैं और उनके निर्देशानुसार जिला प्रशासन रायपुर द्वारा पुस्तकालय उत्कर्ष योजना की शुरूआत की गई है इस योजना के तहत लोग प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित किताबें, साहित्यिक किताबें एवं अन्य जानकारीपरक किताबें दान कर सकेंगे ताकि इसका लाभ बड़ी आबादी को मिल सके।
कलेक्टर डॉ गौरव सिंह के मार्गदर्शन में पुस्तकालय उत्कर्ष योजना की शुरूआत आज रेडक्रास सभाकक्ष में की गई। जिसका उद्देश्य जरूरतमंद विद्यार्थियों का उनके पाठयक्रम व प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु आवश्यक पुस्तकें व साहित्य प्रेमी लोगों के लिए हेतु पुस्तके उपलब्ध कराना तथा समाज के सभी वर्ग में पठन अभिरूची का विकास कराना है। आयोजित इस कार्यक्रम में 33 दानदाताओं ने 804 पुस्तकें दान में दी। इनमे विद्यार्थियों द्वारा दी गई स्कूली किताबें शामिल हैं तो योजना प्रकाशन द्वारा 1.50 लाख रूपए की हाल ही में प्रकाशित हुई किताबें दी गई। साथ ही राहुल कुमार सिंह और सेवानिवृत इंजीनियर श्री राम टेके द्वारा पुरातत्व पर आधारित स्वयं की लिखी हुई किताबे दान की। वहीं रोल बोल फांउडेंशन ने लैपटाप दिया। दान की गई पुस्तकों में जेईई से लेकर तमाम प्रतियोगी परीक्षाओ के लिए किताबें शामिल थी। सभी के चेहरे में खुशियों से भाव थे जिससे परिलक्षित हो रहा था कि विद्या दान महादान है। इन किताबें में दानदाताओं नाम के स्टीकर लगाए गए और कलेक्टर द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान कर प्रोत्साहित भी किया गया।
कलेक्टर ने कहा कि हमारे आस-पास कई जरूरतमंद विद्यार्थी होते है जिनमें पढ़ने की ललक तो होती है मगर उनके पास शैक्षणिक संसाधन जैसे किताबें इत्यादि नहीं होती है इस योजना से उन्हे पुस्तकें उपलब्ध होगी और उन्हे इनका अघ्ययन कर परीक्षा उतीर्ण अपने लक्ष्य प्राप्त करेंगे। जब इनमें से वे आइएएस, आइपीएस, डिप्टी कलेक्टर, इंजीनियर, डाक्टर या साइंसिस्ट बनेंगे अन्य कोई शासकीय नौकरी या कोई अन्य कोई रोजगार प्राप्त करेंगे, तो उस जगह पर पहुंचने वाला दानदाता को याद रखेगा और धन्यवाद देगा। यह छोटी सी मदद उसके सपनों को पूरी करने में मदद करेगी। कलेक्टर ने आम जनों से आगे बढकर इस योजना में सहभागी होने की अपील भी की।
पुस्तक दानदाता छात्रा सुश्री प्रियंका नारायण ने बताया कि प्रशासन द्वारा शुरू की गई इस योजना में प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारी करने वाले बच्चों के लिए मैने 25 बुक डोनेट किया है। जो बच्चे बुक पढ़ या खरीद नही पाते उनके लिए जिला प्रशासन की यह अनोखी पहल है। जिसमें वे पढ़ कर सीख पाएंगे।
विद्यादान महादान मैं आशीष श्रीवास्तव योजना चक्र पब्लिकेशन से मुख्यमंत्री श्री साय के पहल स्मृति पुस्तकालय योजना में मैने 500 किताबें डोनेट की है जो जरूरतमंद लोगों तक किताबें पहुंच नहीं पाती है जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उन तक यह किताबें पहुंच सके, इसके लिए मैने किताबें डोनेट किया है। दानदाता श्रीमती गीता शर्मा है ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से जो ये पहल की गई है वह सराहनीय है। जो जरूरत मंद बच्चे हैं उनके लिए जिस प्रकार से हम किताबें दान कर रहे हैं या हम ला रहे हैं उनको सुविधा दे रहे हैं यह बहुत अच्छी पहल है क्योंकि यहां जाएं किसी रद्दी की टोकरी में फेंकने के लायक नहीं होता वो कभी न कभी किसी न किसी के काम आता है इसमें हम अपना योगदान दे रहे हैं इसके लिए हम बहुत बहुत आभारी हैं।