
जयपुर। विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन तथा भारत सरकार के प्रतिनिधि बुधवार को राजस्थान में पी पी आर (पेस्टी डेस पेटिट्ज रूमिनेंट) उन्मूलन तथा निगरानी कार्यक्रम के अवलोकन हेतु जयपुर पहुंचे। पशुधन भवन परिसर में आर एल डी बी के सभागार में कार्यक्रम की समीक्षा के लिए एक बैठक का आयोजन किया गया।
समीक्षा बैठक में राजस्थान में पी पी आर रोग की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई। डॉ लेनिन भट्ट तथा डॉ अमित शर्मा ने राजस्थान में पी पी आर रोग उन्मूलन तथा पी पी आर निगरानी विषय पर पावरप्वाइंट के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी। प्रस्तुति के बाद खुली चर्चा में विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन के सदस्यों ने राज्य में पी पी आर कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए सुझाव दिया कि टीकाकरण का यह कार्यक्रम सेरो मॉनिटरिंग के आधार पर किया जाए तो इसका और अधिक लाभ मिल सकता है।
इस अवसर पर निदेशक पशुपालन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ आनंद सेजरा ने कहा कि राजस्थान बकरियों की संख्या की दृष्टि से देश में पहले स्थान पर जबकि भेड़ वंश में तीसरे स्थान पर है। ऐसे में पी पी आर के संक्रमण का खतरा भी यहां अधिक है। हम पी पी आर टीकाकरण के क्षेत्र में काफी अच्छा काम कर रहे हैं और राज्य के लगभग 78 प्रतिशत पशुओं का टीकाकरण हो चुका है। उन्होंने कहा कि गांवों में पशुपालक भी सक्रिय होकर टीकाकरण कार्यक्रम में सहयोग कर रहे हैं ताकि अधिक से अधिक संख्या में पशुओं का टीकाकरण किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि पी पी आर एक अत्यधिक संक्रामक पशु रोग है जिसे भेड़ और बकरी प्लेग के रूप में भी जाना जाता है। घरेलू और जंगली छोटे जुगाली करने वाले जानवर इस रोग से प्रभावित होते हैं। यह एक वायरस जनित रोग है। राज्य सरकार द्वारा पीपीआर कंटोªल प्रोग्राम चलाकर इसके लिए टीकाकरण किया जा रहा है। गौरतलब है कि पीपीआर रोग के कारण हर वर्ष बड़ी संख्या में भेड़ और बकरियां मौत की हो रही थीं। लेकिन टीकाकरण से इनकी मौतों पर काफी हद तक अंकुश लग सका है।