
रायपुर/ बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा स्वच्छता नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई के साथ जनजागरूकता की एक पहल शुरू की गई है। इसी कड़ी में जनवरी 2025 से मार्च 2025 के बीच रेलवे परिसरों में सार्वजनिक स्थानों पर थूकने और कूड़ा फैलाने जैसी असामाजिक गतिविधियों पर दंडात्मक कार्रवाई की गई है, जो न केवल जनस्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यावश्यक थी, बल्कि स्वच्छता की दिशा में एक सशक्त संदेश भी है।
तीन महीनों की इस अवधि में कुल 3,550 व्यक्तियों को सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने के लिए दंडित किया गया, जिससे कुल ₹3,77,730 की राजस्व वसूली हुई। इस पहल का प्रमुख उद्देश्य न केवल आर्थिक दंड के माध्यम से अनुशासन लागू करना है, बल्कि व्यापक स्तर पर नागरिकों में स्वच्छता के प्रति चेतना और जिम्मेदारी का भाव उत्पन्न करना भी है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे प्रशासन यह स्पष्ट करता है कि सार्वजनिक स्थलों की स्वच्छता में बाधा डालने वालो पर आगे भी इसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी । स्वच्छ भारत मिशन के तहत इस अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए रेलवे प्रशासन द्वारा जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें स्टेशन परिसरों में घोषणाएं, पोस्टर, डिजिटल डिस्प्ले और सोशल मीडिया के माध्यम से निरंतर अपील की जा रही है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे प्रशासन यात्रियों से अपील करता है कि वे अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाते हुए रेलवे परिसर को स्वच्छ बनाए रखने में सहयोग करें। यह न केवल एक सामाजिक दायित्व है, बल्कि यह प्रत्येक यात्री की स्वयं की सुविधा और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। स्वच्छता केवल एक आदत नहीं, बल्कि एक संस्कृति है जिसे हमें मिलकर अपनाना होगा।
यह अभियान दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की प्रतिबद्धता का प्रमाण है कि स्वच्छता के प्रति कोई भी लापरवाही अब स्वीकार्य नहीं होगी। भविष्य में भी इस प्रकार की निगरानी और कार्रवाई को और अधिक प्रभावी तरीके से जारी रखा जाएगा।