छत्तीसगढ़राज्य

कोई आपकी मदद एक या दो बार ही करेगा, बिना स्वार्थ के कोई आपको एक गिलास पानी भी नहीं पिलाने वाला: साध्वी हंसकीर्ति श्रीजी

रायपुर। दादाबाड़ी में आत्मोत्थान चातुर्मास 2025 के अंतर्गत चल रहे प्रवचन श्रृंखला में परम पूज्य श्री हंसकीर्ति श्रीजी म.सा. ने धर्मरत्न प्रकरण ग्रंथ का पठन कर रही हैं। इसी क्रम में गुरूवार को उन्होंने कहा कि यह संसार ऐसा है कि कोई आपकी मदद एक-दो बार कर सकता है, कुछ पल साथ दे सकता है, लेकिन बार-बार सहायता करने कोई नहीं आता। बिना स्वार्थ के कोई आपको एक गिलास पानी भी नहीं पिलाने वाला। जब शरीर स्वस्थ होता है तो धर्म या आत्मचिंतन की ओर मन नहीं जाता, लेकिन जब बीमार होते हैं तो धर्म की याद आती है, पर तब शरीर साथ नहीं देता और असहायता महसूस होती है।

साध्वीजी एक प्रसंग सुनाती हैं—एक संत रास्ते से गुजरते हुए एक भीड़ देखते हैं। जिज्ञासावश वह वहां पहुंचते हैं तो पाते हैं कि एक घायल बच्चा वहां बैठा है, शरीर घावों से भरा है। उसके पास एक तख्ती रखी है, जिस पर लिखा है—”मेरी आवाज नहीं है, मेरी जीभ कटी है, कृपया सहायता करें।” और पास ही एक बर्तन रखा है जिसमें लोग पैसे डाल रहे हैं। सभी लोग दया प्रकट करते हुए कहते हैं कि ऐसी हालत दुश्मन के बच्चे की भी न हो। कोई-कोई तो यह तक कह देता है कि भगवान इसे उठा ही लेते, इतनी पीड़ा क्यों दी? लेकिन साध्वीजी समझाती हैं कि ऐसा कहना भारी पाप है। किसी के लिए भी ऐसा नहीं सोचना चाहिए।

अब प्रश्न उठता है कि असली दिव्यांग कौन है? वह जिसकी शारीरिक इंद्रियां ठीक नहीं या वह जो सब कुछ होते हुए भी जीवन में कुछ न कर पाया? जो अपने शरीर की शक्ति का उपयोग नहीं करता, असल में वही अपंग कहलाता है। रायपुर जैसे शहर में कई मंदिर हैं, पर हम सिर्फ एक मंदिर देखकर संतोष कर लेते हैं, बाकी के दर्शन को टाल देते हैं। यही हमारी इंद्रियों का जाल है जो हमें दुनियादारी में उलझा देता है।

जब मन दुर्बल होता है तो शरीर भी धीरे-धीरे असहाय हो जाता है और अंततः वही आपके आत्मविकास में बाधा बनता है। साध्वीजी एक और उदाहरण देती हैं—एक बच्चे के गले में फुंसी हो जाती है। वह डॉक्टर के पास जाता है। डॉक्टर जांच के बाद कहता है कि पहले एक्स-रे कराओ। बच्चा सोचता है इतनी छोटी चीज के लिए एक्स-रे क्यों? लेकिन वह करवाकर रिपोर्ट लेकर डॉक्टर के पास पहुंचता है। डॉक्टर रिपोर्ट देखकर कहता है कि अपने पिता को भेजो, मुझे उनसे बात करनी है। बच्चा घबराकर घर आता है और रोते हुए अपने पापा से कहता है कि डॉक्टर ने आपको बुलाया है, शायद कोई बड़ी बात है।

पिता डॉक्टर से मिलने जाते हैं। डॉक्टर बच्चे से कहता है, “तुम बाहर इंतजार करो”, और दरवाजा बंद कर लेता है। आधे घंटे बाद पिता बाहर आते हैं, चेहरा उतरा हुआ है। बच्चा घबराकर पूछता है—पापा, क्या मुझे कोई बड़ी बीमारी है? आप लोग मुझे क्यों नहीं बता रहे? पिता मुस्कराकर जवाब देते हैं, “तुझे कुछ नहीं हुआ बेटा। बात ये है कि डॉक्टर मेरा पुराना मित्र है। मैंने उससे पैसे उधार लिए थे और वापस नहीं दे पा रहा था। जब मैं उससे मिलने नहीं गया, तो उसने तेरे बहाने मुझे बुलाया और बात की। तेरे गले की फुंसी का मामला नहीं था, वह तो बस बहाना था।”

साध्वीजी इस घटना से यह समझाती हैं कि आज की दुनिया में लोग अपने स्वार्थ के लिए किस हद तक जा सकते हैं। झूठ और छल से भरी यह दुनिया एक बंदूक की तरह होती है, जिसमें दूसरों के कंधे पर रखकर निशाना लगाया जाता है।

गिरनारी नेमि जन्मकल्याणक महोत्सव 29 जुलाई को
दादाबाड़ी में 22वें तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान के जन्मकल्याणक के अवसर पर गिरनारी नेमि जन्मकल्याणक महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है। इस दिन सुबह 9 बजे भगवान का अष्टोतरी अभिषेक होगा, जिसमें नासिक के सुप्रसिद्ध संगीतकार हर्ष शाह अपनी प्रस्तुति देंगे और विधिकारक राकेश भाई पंडितजी, नासिक होंगे। वहीं, रात को 8.30 बजे गिरनार से भव पार का आयोजन किया जाएगा जिसमें नासिक के सुप्रसिद्ध संगीतकार हर्ष शाह अपनी प्रस्तुति देंगे और संचालक संकेत गांधी होंगे। नेमिनाथ जन्मकल्याणक के दिन एकसना की व्यवस्था होगी, जिसमें आप ज्यादा से ज्यादा संख्या में भाग लें और ऑफिस में अपना नाम दर्ज कराएं।

श्री ऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय कांकरिया, कार्यकारी अध्यक्ष अभय कुमार भंसाली, आत्मोत्थान चातुर्मास समिति 2025 के अध्यक्ष अमित मुणोत ने बताया कि दादाबाड़ी में सुबह 8.45 से 9.45 बजे साध्वीजी का प्रवचन होगा। आप सभी से निवेदन है कि जिनवाणी का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button