छत्तीसगढ़राज्य

भारत की साझा कंप्यूटिंग क्षमता 34,000 जीपीयू के पार पहुंची

दिल्ली। भारत की राष्ट्रीय कंप्यूटिंग क्षमता 34000 जीपीयू को पार कर गई है। इसके साथ ही भारत के अपने फाउंडेशन मॉडल के निर्माण के लिए तीन नये स्टार्टअप का चयन करके, इंडियाएआई मिशन ने स्वदेशी एआई क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक ऊंची छलांग लगाई है।

इस उपलब्धि के बारे में चर्चा करते हुए, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज नई दिल्ली में आयोजित ‘इंडियाएआई- मेक एआई इन इंडिया, मेक एआई वर्क फॉर इंडिया’ कार्यक्रम में कई प्रमुख पहलों की घोषणा की। इसका उद्देश्य भारत की एआई यात्रा को आगे बढ़ाना है।

 

केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने इंडियाएआई मिशन के तहत नव चयनित टीमों से अपने-अपने क्षेत्रों में शीर्ष पांच वैश्विक स्थान प्राप्त करने का लक्ष्य रखने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण के विजन पर जोर देते हुए, केंद्रीय मंत्री श्री वैष्णव ने कहा, “प्रौद्योगिकी को कुछ लोगों के हाथों में नहीं छोड़ा जाना चाहिए। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि समाज का एक बड़ा वर्ग प्रौद्योगिकी तक पहुंचने, नए समाधान विकसित करने और बेहतर अवसर प्राप्त करने में सक्षम हो। यही वह दर्शन है जिसके साथ इंडियाएआई मिशन बनाया गया था। हम व्यावहारिक रूप से एआई मिशन के हर स्तंभ में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहे हैं। कॉमन कंप्यूट प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण का एक बहुत ही महत्वपूर्ण सिद्धांत है।”

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एआई कोष पर 367 डेटासेट पहले ही अपलोड किए जा चुके हैं। श्री वैष्णव ने रिवर्स ब्रेन ड्रेन को बढ़ावा देने और आधारभूत मॉडल, कंप्यूट क्षमता, सुरक्षा मानकों और प्रतिभा विकास पहलों को शामिल करते हुए एक व्यापक इको-सिस्टम बनाने में इंडियाएआई मिशन की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन प्रयासों का उद्देश्य भारत में एक पूर्ण और समावेशी एआई इको-सिस्टम का निर्माण करना है।

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