
भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में अंतर्देशीय जलमार्गों पर रिकॉर्ड 145.5 मिलियन टन कार्गो आवाजाही के लक्ष्य को हासिल किया। यह वित्त वर्ष 2013-14 के 18.1 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) से अधिक है और इसमें 20.86 प्रतिशत की सीएजीआर दर्ज की गई है। राष्ट्रीय जलमार्गों की संख्या 5 से बढ़कर 111 हो गई है, 2014-15 में परिचालन दूरी 2,716 किलोमीटर थी, जो 2023-24 में बढ़कर 4,894 किलोमीटर हो गई। मल्टी-मॉडल टर्मिनल (एमएमटी), इंटर-मॉडल टर्मिनल (आईएमटी), सामुदायिक जेटी, फ्लोटिंग टर्मिनल और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन वेसल्स जैसी हरित तकनीक सहित बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का विकास हुआ है। 95.42 करोड़ रुपये के बजट के साथ जलवाहक योजना का शुभारंभ, प्रमुख मार्गों (एनडब्ल्यू-1, एनडब्ल्यू-2, एनडब्ल्यू-16) पर कार्गो मालिकों और अनुसूचित सेवाओं के लिए 35 प्रतिशत परिचालन लागत प्रोत्साहन की पेशकश।
भारत का लक्ष्य समुद्री अमृत काल दृष्टिकोण के तहत भारत के अंतर्देशीय जल परिवहन मॉडल शेयर को 2 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत करना और 2030 तक यातायात को 200+ एमएमटी और 2047 तक 500+ एमएमटी तक बढ़ाना है। रिकॉर्ड कार्गो परिवहन अंतर्देशीय जल परिवहन में एक बड़ी उपलब्धि है
भारत के अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के बारे में बताते हुए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 145.5 मिलियन टन की रिकॉर्ड-तोड़ कार्गो आवाजाही की सूचना दी। यह उपलब्धि देश के अंतर्देशीय जलमार्ग बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के उद्देश्य से निरंतर निवेश और नीतिगत पहलों की प्रभावशीलता को रेखांकित करता है। इसी अवधि के दौरान परिचालन राष्ट्रीय जलमार्गों की संख्या भी 24 से बढ़कर 29 हो गई है, जो मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी और टिकाऊ परिवहन सुविधाओं की दिशा में एक रणनीतिक कदम है।
पिछले दस वर्षों में माल यातायात में तेजी से वृद्धि
वित्त वर्ष 2014 और वित्त वर्ष 2025 के बीच राष्ट्रीय जलमार्गों पर कार्गो यातायात 18.10 (मिलियन मीट्रिक टन) एमएमटी से बढ़कर 145.5 एमएमटी (मिलियन मीट्रिक टन) हो गया है और इसमें 20.86 प्रतिशत की सीएजीआर दर्ज की गई है।