
रायपुर। फ़ेल्युर इंडिकेशन ब्रेक एप्लीकेशन (FIBA) डिवाइस, जो कि आधुनिक एलएचबी कोचों में लगाया जाता है, एक अत्यंत महत्वपूर्ण सुरक्षा उपकरण है । इसका मुख्य उद्देश्य ब्रेक सिस्टम में किसी भी असामान्यता की सूचना देना होता है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके । इस डिवाइस का सटीक और प्रभावी परीक्षण आवश्यक है, किंतु अब तक इसका परीक्षण एक श्रमसाध्य और समय लेने वाली प्रक्रिया रही है । किसी भी डिफेक्टिव या ओवरहॉल किए गए FIBA डिवाइस का परीक्षण करने के लिए कोच से इसे खोलना पड़ता है, जिसमें लगभग 1 से 2 घंटे का समय लगता है और 2 से 3 कर्मचारियों की आवश्यकता होती है ।
इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के कोचिंग डिपो, दुर्ग द्वारा “FIBA डिवाइस टेस्टिंग गैजेट” का इन-हाउस निर्माण किया गया है । यह अभिनव गैजेट अप्रयुक्त व रिलीज्ड सामग्रियों का उपयोग करके तैयार किया गया है और इसकी कुल लागत केवल ₹7000/- है । इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह गैजेट पूरी तरह से पोर्टेबल है और इसे पिट लाइन,आईओएच शेड, सिक लाइन, ओईएम लाइन जैसे किसी भी स्थान पर वायवीय आपूर्ति (न्यूमैटिक सप्लाई) के साथ आसानी से उपयोग में लाया जा सकता है । इसकी मदद से मात्र एक कर्मचारी भी FIBA डिवाइस का परीक्षण सुगमता से कर सकता है ।
इस गैजेट के प्रमुख लाभ:
• मानव संसाधन की बचत और परीक्षण समय में कमी ।
• एफआईबीए डिवाइस की परीक्षण प्रक्रिया को सरल बनाना ।
• पाइपिंग लेआउट में बिना किसी छेड़छाड़ के परीक्षण संभव ।
• कोचिंग स्टाफ एवं गार्ड के लिए प्रशिक्षण उपकरण के रूप में उपयोगी ।
इस गैजेट में प्रेशर वेसल (क्षमता 21 लीटर), तीन-पथ आइसोलेटिंग कॉक, ब्रेक इंडिकेटर, डुप्लेक्स चेक वाल्व, विभिन्न आकार के बॉल वॉल्व, बीपी एवं एफपी प्रेशर गेज, विभिन्न माप की स्टेनलेस स्टील पाइपें आदि प्रमुख उपकरण शामिल हैं ।
यह तकनीकी नवाचार भारतीय रेलवे के आत्मनिर्भरता और नवाचार के विजन का सशक्त उदाहरण है, जिसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर तकनीकी समाधान विकसित कर सुरक्षित, आधुनिक एवं कुशल रेलवे प्रणाली की दिशा में सतत प्रयास करना है ।