मोबाईल में रिल्स देखकर समय व्यर्थ न करें बच्चे – सैकड़ों बच्चों ने परीक्षा तक मोबाईल फास्टिंग की ली शपथ…
चोपड़ा ने बच्चों को परीक्षा में अच्छे परिणाम के लिए 8 + 8 + 8 का फार्मूला दिया
जैन संवेदना ट्रस्ट द्वारा कैसे हो तनावमुक्त परीक्षा की तैयारी विषय पर मोटिवेशनल कार्यशाला
वार्षिक परीक्षा: जैन संवेदना ट्रस्ट द्वारा बोर्ड वार्षिक परीक्षा के पूर्व बच्चों को परीक्षा के तनाव से निजात दिलाने सन्तोषीनगर स्थित वर्धमान दी स्कूल में कैसे हो तनावमुक्त परीक्षा की तैयारी विषय पर मोटिवेशनल कार्यशाला का आयोजन किया गया। ट्रस्ट के अध्यक्ष महेन्द्र कोचर ने बताया कि बच्चों के मन में वार्षिक परीक्षा के डर को दूर करने व परीक्षा में सफलता के लक्ष्य निर्धारण हेतु मोटिवेशनल कार्यशाला आयोजित की गई। आज की कार्यशाला में प्रसिद्ध शिक्षाविद विजय चोपड़ा ने मेरी तनावमुक्त परीक्षा की तैयारी विषय पर बच्चों को मोटिवेशनल स्पीच देते हुए कहा कि परीक्षा में अच्छे परिणाम के लिए डरे बिना तनावमुक्त सही प्लानिंग, व्यवस्थित प्रिपरेशन व कड़ा परिश्रम बहुत जरूरी है। प्रसिद्ध शिक्षाविद विजय चोपड़ा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि पूर्व के वर्षों में पांचवीं व आठवीं में भी बोर्ड परीक्षा होती थी लेकिन वर्तमान शिक्षा प्रणाली में बच्चों को सीधे दसवीं में बोर्ड़ परीक्षा देनी होती है, जिसका तनाव बच्चों की प्रिपरेशन में दिखाई देता है। बच्चों में परीक्षा के डर की बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी की थी। दसवीं व बाहरवीं के बच्चों को मार्गदर्शन करते हुए विजय चोपड़ा ने बच्चों को 8 + 8 + 8 का फार्मूला दिया और बताया कि 8 घंटे सोने के लिए, 8 घंटे दैनिक कार्यों व अन्य अनुपयोगी कार्यो के लिए लेकिन शेष पूरे 8 घंटे तल्लीनता से पढ़ाई करें।
उन्होंने तैयारी में कहा कि सर्वप्रथम पास होने का डर समाप्त करने 39 मार्क्स के ऑब्जेक्टिव टाईप व छोटे उत्तर वाले प्रश्नों की तैयारी पर फोकस करें, इसमें पूरे अंक प्राप्त कर पास होने के तनाव से मुक्त हो जावें। परीक्षा की तैयारी को स्वयं की इच्छा बनाएं फिर सफलता सौ प्रतिशत तय है। परीक्षा को बोझ या हव्वा न मानें बल्कि परीक्षा पर हावी होकर तैयारी में जुट जाएं। लगन, मेहनत, अनुशासन व आत्मविश्वास से ही पूर्ण सफलता प्राप्त होती है। इसे मूलमंत्र बनाएं, पूर्ण मनोभावों से किये परिश्रम से ही अच्छे परिणाम सामने आते हैं। अभी परीक्षा में एक माह का समय शेष है, एक बात तय है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नही होता सो विषयों के अनुसार टाईम टेबल सेट करें, ऊँचा लक्ष्य निर्धारित करें अपनी क्षमता पर विश्वास करें व प्लानिंग से तैयारी आरम्भ कर देवें। चोपड़ा ने छात्राओं को परीक्षा की समयबद्ध तैयारी के मध्य की अड़चन को इंगित करते हुए मोबाईल के उपयोग व दुरुपयोग पर विस्तृत चर्चा की, बच्चों द्वारा मोबाईल में रिल्स देखकर समय व्यर्थ करने से सावधान रहने की समझाइश दी। एक सिक्के के दो पहलू होते हैं। मोबाईल पर समय के दुरुपयोग से दूर रहकर उसके सही उपयोग को क्रियान्वित करें। कठिन प्रश्नों के उत्तर अपनी आवाज में रिकॉर्ड करें उसे बार बार सुनकर मस्तिष्क पटल पर बैठाएं, इंटरनेट पर एक प्रश्न के अनेक उत्तर देखें व याद करें। इसप्रकार हमारे जीवन में रचे बसे मोबाईल का परीक्षा के लिए सदुपयोग करें। जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व मोटिवेशनल स्पीकर विजय चोपड़ा ने बच्चों को मोबाईल दुरुपयोग से फास्टिंग की शपथ दिलाई। चोपड़ा ने अच्छे परिणाम के लिये तनावमुक्त प्लानिंग, प्रिपरेशन व परिश्रम को विस्तारित करते हुए कहा कि प्रिपरेशन के पूर्व अच्छी प्लानिंग करें। कुल विषयों को परीक्षा के बचे दिन से भाग देकर प्रत्येक विषय के लिये दिन निर्धारित करें। प्रत्येक विषय को तीन श्रेणी में बांट लें। वस्तुनिष्ठ प्रश्न, मन पसंद सरल प्रश्न व कठिन प्रश्न। तैयारी करते समय सरल प्रश्न से आरम्भ कर आगे बढ़ेंगे तो आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। कठिन प्रश्नों की तैयारी के लिए प्रातः काल का समय बेहतर होगा। इस तरह के प्रयास अच्छे परिणाम देंगे। अंत में अनेक छात्राओं ने अपने डाऊट बताए जिसका विजय चोपड़ा ने विस्तार पूर्वक समाधान देकर बच्चों का उत्साहवर्धन किया।