चीन की सरकार पर अमेरिका ने एक व्यापक साइबर जासूसी अभियान चलाने का बड़ा आरोप लगाया है. इस संबंध में अमेरिकी विभाग की ओर से बयान भी सामने आया है. विभाग ने कहा कि चीन की साइबर जासूसी से वैश्विक स्तर पर लाखों लोग प्रभावित हुए हैं. इसने अमेरिकी अधिकारियों, राजनेताओं और कई अन्य लोगों को निशाना बनाया है. इस कारण चीनी कंपनी एडवांस्ड पर्सिस्टेंट थ्रेट 31 (एपीटी 31) पर प्रतिबंध लगाए गए हैं.
फंस चुके कई लोग
मिली जानकारी के अनुसार अमेरिका के विदेश विभाग ने इस संबंध में आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा कि यूएस सरकार पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) से जुड़े इस एपीटी 31 के खिलाफ कई कार्रवाई कर रही है. वहीं बताया जा रहा है कि अब तक इसके जाल में अमेरिकी अधिकारियों और राजनेताओं सहित कई लोग इसमें फस चुके हैं. साथ ही विभिन्न अमेरिकी आर्थिक और रक्षा संस्थाओं और अधिकारियों, विदेशी लोकतंत्र कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों और सरकारी अधिकारियों को भी निशाना बना चुका है.
इस संबंधम सात पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना यानी पीआरसी ने इन हैकर्स के खिलाफ कार्रवाई करते हुए आपराधिक आरोपों की घोषणा की है. वहीं इसके तहत अब कई संगठनों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
इन कंपनियों पर रहेगा प्रतिबंध
वहीं विभाग की ओर से मिली जानकारी अनुसार दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधियों में उनकी भूमिका के लिए झाओ, नी और वुहान जियाओरुइज़ी साइंस एंड टेक्नोलॉजी कंपनी, लिमिटेड (वुहान एक्सआरजेड) पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. इसके अलावा, अमेरिकी न्याय विभाग ने समूह और प्रतिवादियों के बारे में जानकारी प्रदान करने वालों के लिए 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक का इनाम भी दिया जाएगा.