
भारत में रिवर क्रूज पर्यटन क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। राष्ट्रीय जलमार्गों पर रिवर क्रूज यात्राओं की संख्या 2023-24 में 371 से बढ़कर 2024-25 में 443 हो गई है। यह 19.4 प्रतिशत की वृद्धि भारत के अंतर्देशीय जलमार्गों में रिवर क्रूज के बढ़ते आकर्षण और प्रचालनगत दक्षता को रेखांकित करती है।
वृद्धि की इस गति को और बढ़ाते हुए, वाइकिंग क्रूज़ ने भारत के रिवर क्रूज़ बाज़ार में वाइकिंग ब्रह्मपुत्र के साथ प्रवेश की घोषणा की है। 80-अतिथि पोत का प्रचालन 2027 के अंत में शुरू होने वाला है, जो भारत के रिवर क्रूज़ पर्यटन क्षेत्र में बढ़ती रुचि और निवेश का संकेत है। कोलकाता स्थित हुगली कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया जाने वाला वाइकिंग ब्रह्मपुत्र, राष्ट्रीय जलमार्ग-2 पर प्रचालित होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन और पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल के मार्गदर्शन के अनुरूप, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) भारत में रिवर क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने और टिकाऊ जल परिवहन प्रणाली विकसित करने की दिशा में कदम उठा रहा है।
पिछले 11 वर्षों में इस सेक्टर में असाधारण वृद्धि देखी गई है। 2013-14 में तीन जलमार्गों पर केवल पांच जहाजों की तुलना में रिवर क्रूज़ प्रचालन 2024-25 में 13 राष्ट्रीय जलमार्गों पर 25 जहाजों तक विस्तारित हो गया है। यह वृद्धि राष्ट्रीय जलमार्गों पर नौवहन सुरक्षा और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत आईडब्ल्यूएआई के सक्रिय प्रयासों के कारण हुई है। आईडब्ल्यूएआई ने टर्मिनलों, तटवर्ती और अपतटीय सुविधाओं का विकास करके, जलमार्गों में पर्याप्त गहराई सुनिश्चित करके, और 24 घंटे नौवहन सहायता और पायलट सेवाएं प्रदान करके रिवर क्रूज़ जहाजों के लिए सुगम और सुरक्षित नौवहन की सुविधा प्रदान की है। इन उपायों ने सामूहिक रूप से यात्री अनुभव को बेहतर बनाया है, प्रचालनगत लॉजिस्टिक्स में सुधार किया है और संचालकों का विश्वास बढ़ाया है, जिससे इस क्षेत्र के विकास में योगदान मिला है।