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देश में चिप डिजाइनिंग का लोकतंत्रीकरण कर रही है, आया सेमीकंडक्टर का दौर

दिल्ली। चिप डिज़ाइन को एक रणनीतिक आवश्यकता मानते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) अपनी श्रृंखलाबद्ध एवं सक्रिय पहलों के साथ, पूरे देश में 300 से अधिक संगठनों (जिसमें 250 शैक्षणिक संस्थान और 65 स्टार्ट-अप कंपनियां शामिल हैं) में सेमीकंडक्टर डिज़ाइन दृष्टिकोण को व्यवस्थित करने की प्रक्रिया में है। इन कदमों का उद्देश्य रचनात्मक सक्षमता वाले युग की शुरुआत करना है, जहां देश में कहीं से भी, स्वभाविक कौशल वाला कोई भी व्यक्ति सेमीकंडक्टर चिप्स डिज़ाइन कर सकता है। इस प्रक्रिया में, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप कि ‘भारत में डिज़ाइन उतना ही महत्वपूर्ण है जितना मेक इन इंडिया’, चिप डिज़ाइन को लोकतांत्रिक बनाया जाएगा।

सी2एस कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर चिप डिजाइन में विशेषज्ञता प्राप्त बी.टेक, एम.टेक और पीएचडी स्तर पर उद्योग-अनुकूल 85,000 मानव संसाधन तैयार करना है। यह कार्यक्रम चिप डिज़ाइन, निर्माण एवं परीक्षण में छात्रों को पूर्ण व्यावहारिक अनुभव प्रदान करके एक समग्र दृष्टिकोण अपनाता है। इसे नियमित प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से उद्योग सहयोगियों की भागीदारी से प्राप्त किया जाता है, और छात्रों को चिप डिज़ाइन, निर्माण और परीक्षण संसाधनों, जैसे ईडीए उपकरणों, अपने चिप्स के निर्माण के लिए सेमीकंडक्टर फ़ाउंड्रीज़ तक पहुंच प्रदान करके मेंटॉरशिप और सहायता प्रदान किया जाता है। इन अवसरों में एएसआईसी, एसओसी और आईपी कोर डिजाइनों के कार्यशील प्रोटोटाइप के विकास के लिए अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं का कार्यान्वयन शामिल है।

चिपइन केंद्र सी2एस कार्यक्रम के अंतर्गत स्थापित किया गया है, यह सी-डैक में स्थापित सबसे बड़े सुविधाओं में से एक है, जिसका लक्ष्य देश में सेमीकंडक्टर डिज़ाइन समुदाय के दरवाज़े पर चिप डिज़ाइन अवसंरचना लाना है। यह एक केंद्रीकृत डिजाइन सुविधा है, जो न केवल 5एनएम या उन्नत नोड तक जाने वाले संपूर्ण चिप डिजाइन चक्र के लिए सबसे उन्नत उपकरणों की मेजबानी करती है, बल्कि फाउंड्री और पैकेजिंग में डिजाइन के निर्माण के लिए समग्र सेवाएं भी प्रदान करती है।

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