
रायपुर.विज्ञान और खगोलशास्त्र के प्रति विद्यार्थियों की रुचि को बढ़ावा देने हेतु कोरिया जिले में पहली बार एक ऐतिहासिक पहल की गई। जिला प्रशासन कोरिया, जूनियर रेड क्रॉस सोसाइटी और ब्रेकथ्रू साइंस सोसायटी कोरिया के संयुक्त तत्वावधान में ‘मेगा स्काई वॉचिंग कार्यक्रम’ का भव्य आयोजन शासकीय आदर्श रामानुज हायर सेकेंडरी स्कूल, बैकुण्ठपुर के मिनी स्टेडियम में 10 मई 2025 को किया गया। यह कार्यक्रम न केवल शैक्षणिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणास्पद अनुभव भी साबित हुआ।
इस अभिनव कार्यक्रम में जिले के 500 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था स्कूली विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, तार्किक सोच और खगोल विज्ञान के प्रति जिज्ञासा को जागृत करना। विद्यार्थियों को टेलीस्कोप के माध्यम से चंद्रमा, मंगल ग्रह और बृहस्पति का अवलोकन करने का दुर्लभ अवसर प्राप्त हुआ, जिससे उन्हें ब्रह्मांड की विशालता और रहस्य का प्रत्यक्ष अनुभव हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत शाम 5 बजे हुई, जिसमें सभी आयु वर्ग के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। उपस्थित नागरिकों और विद्यार्थियों को एलईडी स्क्रीन पर ब्रह्मांड से संबंधित अद्भुत जानकारियाँ और दृश्य प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम के दौरान खगोलीय पिंडों की जानकारी दी गई और वैज्ञानिकों द्वारा ब्रह्मांड की विभिन्न घटनाओं को सरल भाषा में समझाया गया।
मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर चंदन त्रिपाठी, विशिष्ट अतिथि जिला पुलिस अधीक्षक रवि कुर्रे और जिला पंचायत उपाध्यक्ष वंदना रजवाड़े ने इस अनूठे प्रयास की सराहना की और विद्यार्थियों को विज्ञान की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित किया।
*वैज्ञानिक दृष्टिकोण को सशक्त करने वाला आयोजन*
इस कार्यक्रम में ब्रेकथ्रू साइंस सोसायटी के ऑल इंडिया कमेटी के सदस्य श्री पतित पावन कुइला, काउंसिल सदस्य श्री विजय कुमार, छत्तीसगढ़ प्रभारी सुश्री पूजा शर्मा तथा कोरिया प्रभारी श्री कमल डडसेना विशेष रूप से उपस्थित रहे। टेलीस्कोप विशेषज्ञ श्री जीवन साहू और नीरज कुमार ने छात्रों को खगोलीय पिंडों के अवलोकन में मार्गदर्शन दिया।
विज्ञान की सोच, समाज का भविष्य
कार्यक्रम का मूलमंत्र मानवता के लिए विज्ञान, समाज के लिए विज्ञान, सोच में विज्ञान’ विद्यार्थियों के मन में गूंजता रहा। विद्यार्थियों ने बताया कि उन्होंने पहली बार इतने पास से चंद्रमा और ग्रहों को देखा और यह अनुभव उनके लिए अविस्मरणीय रहेगा।
निश्चित ही इन दूरस्थ क्षेत्रों में वैज्ञानिक चेतना का संचार करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है, परंतु जिला प्रशासन और विज्ञान संस्थाओं ने मिलकर यह सिद्ध कर दिया कि प्रयास और संकल्प से कोई भी कार्य असंभव नहीं। यह कार्यक्रम न केवल एक शैक्षणिक उपलब्धि रहा, बल्कि भावी वैज्ञानिकों के लिए एक प्रेरणादायक मंच भी बना।