
दिल्ली। भारत सरकार ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति द्वारा 02.03.2021 को गठित उच्च स्तरीय समिति की सिफारिश और विभिन्न हितधारकों के साथ विमर्श के आधार पर पंजाब पुनर्गठन अधिनियम ,1966 (1966 का 31) की धारा 72 की उपधारा (1) (उपधारा (2) और (3) के साथ) के अंतर्गत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट और सिंडिकेट के संविधान और संरचना में परिवर्तन के लिए अधिसूचना जारी की थी।
आदेश जारी होने के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्रों, शिक्षकों, पूर्व कुलपतियों और मौजूदा कुलपति जैसे हितधारकों से प्रतिक्रियाएं प्राप्त की गईं।
शिक्षा मंत्रालय ने विभिन्न छात्र संगठनों के साथ बैठक में रखे गए सुझावों पर भी गौर किया।
शिक्षा मंत्रालय ने अब उपरोक्त के संदर्भ में पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट और सिंडिकेट के संविधान और संरचना में परिवर्तन का आदेश रद्द करने का फैसला किया है।


