छत्तीसगढ़राज्य

रायपुर में होगा भारतीय सड़क कांग्रेस का 83 वां अधिवेशन

रायपुर. भारतीय सड़क कांग्रेस का 83 वां वार्षिक अधिवेशन 7 नवम्बर से 11 नवम्बर तक राजधानी रायपुर में आयोजित होगा। उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने विभागीय सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, प्रमुख अभियंता के.के पीपरी, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी, सड़क परिवहन मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारी, रायपुर नगर निगम के कमिश्नर अबिनाश मिश्रा तथा अधिवेशन से संबंधित सभी स्टीयरिंग कमेटी के सदस्यों के साथ रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम एवं साइंस कॉलेज परिसर में होने वाले इस आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने रायपुर के नवीन विश्राम भवन में हुई समीक्षा बैठक में अधिकारियों को आयोजन की पुख्ता तैयारियां सुनिश्चित करने को कहा, जिससे कि इसमें शामिल होने वाले देश-विदेश के अतिथि छत्तीसगढ़ के वैभव से रू-ब-रू हो सकें। साथ ही वे छत्तीसगढ़ की संस्कृति और यहां के विकास के विभिन्न आयामों को अनुभव कर सकें। उन्होंने अधिवेशन में अतिथियों का सत्कार छत्तीसगढ़ की संस्कृति के अनुरूप सुनिश्चित करने को कहा।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने प्रदेश के बहुआयामी विकास के प्रदर्शन के लिए अधिवेशन स्थल पर पॉवर एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर के अग्रणी संस्थानों एन.एम.डी.सी., एन.टी.पी.सी., सेल (भिलाई स्टील प्लांट), छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन कंपनी तथा विभिन्न विकास निगमों के स्टॉल एवं प्रदर्शनी लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने अतिथियों को छत्तीसगढ़ की कला, शिल्प और लोक संस्कृति से अवगत कराने छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प, ग्रामोद्योग, पर्यटन, संजीवनी, वन विकास इत्यादि के स्टॉल्स का भी समुचित समायोजन आयोजन स्थल पर करने को कहा।

श्री साव ने युवा अभियंताओं को प्रोत्साहन के लिए अधिवेशन के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं के आयोजन तथा राज्य के अभियांत्रिकी महाविद्यालयों के मेधावी विद्यार्थियों के लिए विद्यार्थी सदस्यता प्रदान करने के निर्देश बैठक में दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं को नवीन अनुसंधानों और निर्माण कार्यों में अन्य प्रदेशों में अपनाई जा रही नई तकनीकों की विस्तृत विवेचना एवं प्रशिक्षण के लिए सक्रियता से आयोजन से जोड़ने को कहा। उन्होंने रायपुर में आयोजित हो रहे भारतीय सड़क कांग्रेस के इस 83 वें वार्षिक अधिवेशन का प्रदेश स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, जिससे प्रदेश के अभियंताओं को देश की प्रमुख संस्थानों के वैज्ञानिकों के व्याख्यान द्वारा ज्ञानार्जन का सुअवसर प्राप्त हो सके।

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