
दिल्ली। राजधानी की सड़कों पर इस सप्ताह 670 नई बसों को चलाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. स्वदेशी अनुपालन प्रमाण पत्र की आवश्यकता में अस्थायी छूट देते हुए, सरकार ने इन बसों को डिपो से बाहर निकालने की अनुमति प्रदान की है. इस निर्णय के तहत, दिल्ली में पहली बार नौ मीटर लंबी मिनी बसें, जिन्हें मोहल्ला बस कहा जाता है, सड़कों पर चलेंगी. ये बसें पिछले आठ महीनों से डिपो में खड़ी थीं. सरकार के इस कदम से मार्च तक सड़कों से हटी 790 डीटीसी बसों की कमी को भी पूरा किया जाएगा.
दिल्ली के परिवहन मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने मिनी बसों के संचालन की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि 390 इलेक्ट्रिक बसें सामान्य श्रेणी की होंगी, जबकि 280 मिनी बसें शामिल की जाएंगी. मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कंपनियों को स्वदेशी अनुपालन प्रमाण पत्र लाना था, लेकिन इसे समय पर प्रस्तुत न कर पाने के कारण परिचालन में देरी हुई. अब कुछ बसों के प्रमाण पत्र प्राप्त हो चुके हैं, और शेष के लिए कंपनियों ने एक शपथ पत्र देकर निश्चित समय में प्रमाण पत्र लाने का आश्वासन दिया है, जिसके लिए उन्हें छह महीने का समय दिया गया है.
परिवहन विभाग ने दिल्ली में बसों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय ई-बस योजना के अंतर्गत 12 मीटर लंबी 1900 बसों के लिए निविदा जारी की है. इसके अतिरिक्त, लास्ट माइल कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए 9 मीटर लंबी 1040 बसों की भी निविदा प्रस्तुत की गई है. बड़ी बसों का अधिकांश हिस्सा अब सड़कों पर उपलब्ध है, जबकि लगभग चार सौ बसें अभी भी शेष हैं. इनमें से 390 बसें जल्द ही सड़कों पर चलने के लिए तैयार की जाएंगी, जबकि 9 मीटर वाली 1040 बसों में से केवल 280 बसें पिछले वर्ष से आई हैं, लेकिन स्वदेशी अनुपालन प्रमाण पत्र की कमी के कारण इन्हें अभी तक सड़कों पर नहीं उतारा गया है.