मकानों की बढ़तीं कीमतें और ब्याज दरों में तेजी के बावजूद कर्ज लेने की रफ्तार अच्छी खासी बढ़ रही है। पिछले दो साल में हाउसिंग लोन करीब 10 लाख करोड़ बढ़कर इस साल मार्च में रिकॉर्ड 27.23 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
विश्लेषकों का मानना है कि कोरोना के बाद आवासीय संपत्तियों में मजबूत सुधार से हाउसिंग लोन में जबरदस्त तेजी देखी गई है। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च, 2022 में कुल हाउसिंग लोन 17.26 लाख करोड़ था जो मार्च, 2023 में 19.88 लाख करोड़ रुपये हो गया। आंकड़ों के मुताबिक, वाणिज्यिक रियल एस्टेट में कुल उधारी 4.48 लाख करोड़ रुपये रही है जो मार्च, 2022 में 2.97 लाख करोड़ रुपये थी। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस कहते हैं कि सरकारी प्रयासों से सस्ते मकानों की मांग में तेजी आई है। साथ ही कोरोना में घर की बिक्री अच्छी खासी घटी थी और अब यह उससे ज्यादा रफ्तार से बढ़ रही है। हालांकि आने वाले समय में होम लोन की वृद्धि दर 15-20 फीसदी के बीच रह सकती है।
सस्ते मकानों की मांग में भी आई तेजी
मकानों के महंगे होने से औसत होम लोन का आकार भी बढ़ा विश्लेषकों के अनुसार, प्रमुख टियर-1 शहरों में वित्त वर्ष 2021 के बाद से 50-100 प्रतिशत के बीच कीमतें बढ़ी हैं। इससे औसत होम लोन का आकार भी बढ़ गया है। आवासीय संपत्ति की मांग मजबूत रहने के कारण होम लोन में तेजी बनी रहेगी। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि रियल एस्टेट क्षेत्र 2030 तक एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा। इक्रा के अनुसार, जुलाई 2023 से एचडीएफसी लि. का एचडीएफसी बैंक में विलय होने से बैंकों के होम लोन में तेजी आई है।