छत्तीसगढ़ में मतांतरण के दोषियों को होगी 10 साल की सजा,जल्द ही लागू होगा कानून
छत्तीसगढ़ में नवगठित भाजपा सरकार मतांतरण रोकने के लिए छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम, 2006 के प्रविधानों को सख्त बनाने की तैयारी कर रही है। सरकार के विधि विभाग ने अन्य राज्यों में लागू मतांतरण विरोधी कानूनों का अध्ययन शुरू कर दिया है।(religious law in chhattishgarh)10 वर्ष की सजा का प्रविधान भी शामिल किया जा सकता है। मौजूदा अधिनियम में मतांतरण के दोषी पाए लोगों को तीन साल की जेल की सजा और 20,000 रुपये तक जुर्माना या दोनों का प्रविधान है।
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संविधान में नहीं कोई स्पष्ट अनुच्छेद नहीं
संविधान के प्रविधानों पर गौर करें तो मतांतरण को रोकने के लिए स्पष्ट अनुच्छेद उल्लेखित नहीं है, बल्कि अनुच्छेद 25 से लेकर 28 के बीच धार्मिक स्वतंत्रता उल्लेखित किया गया है, जिसमें देश के हर व्यक्ति को किसी भी धर्म को मानने की स्वतंत्रता हैं।(religious law in chhattishgarh)
शिक्षा व स्वास्थ्य की आड़ में मतांतरण करा रही मिशनरियां
सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य की आड़ में मिशनरियां मतांतरण करा रही है। छत्तीसगढ़ के सरगुजा और बस्तर संभाग में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। मतांतरण में मिशनरियों का बोलबाला है। सरगुजा और बस्तर में शिक्षा की अलग जगाना जरूरी है। इससे मतांतरण रुकेगा परिणामस्वरूप हिंदुत्व को ताकत मिलेगी। वह राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से चर्चा कर रहे थे। गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री साय ने नई दिल्ली में मीडिया के समक्ष दिए बयान में कहा था कि कांग्रेस प्रदेश में मतांतरण करवाती रही है, लेकिन अब हम ऐसा नहीं होने देंगे।