दिल्लीराज्य

गर्मी में धान की बुवाई में पिछले वर्ष की तुलना में इस साल ज्यादा, चावल उत्पादन भी सर्वाधिक

दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज समग्र कृषि क्षेत्र की प्रगति के संबंध में दिल्ली में साप्ताहिक समीक्षा बैठक की। शिवराज सिंह ने बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों से फसलों की कटाई, बुआई, उपार्जन आदि की स्थिति की जानकारी लेने के साथ ही उपज के थोक व खुदरा मूल्यों के बारे में समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

विभिन्न उपज की पैदावार अच्छी होने की संभावना के मद्देनजर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसी व्यवस्था बनाएं, जिससे किसानों को लाभ और फसलों की पूरी खरीद हो। बैठक में बताया गया कि ग्रीष्मकालीन बुवाई के मौसम के लिए 9 अप्रैल 2025 तक धान की बुवाई में पिछले वर्ष की तुलना में 4.65 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 27.33 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 31.98 लाख हेक्टेयर हो गई है। मूंग और उड़द के रकबे में भी क्रमशः 1.65 लाख हेक्टेयर और 0.61 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। गेहूं के लिए प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और बिहार हैं, जिनमें कटाई की स्थिति बेहतर है।

 

आज की तारीख में सभी राज्यों में फसल लगभग परिपक्वता चरण को पार कर चुकी है। 4 अप्रैल 2025 तक की स्थिति के अनुसार, पिछले वर्ष इसी अवधि में ग्रीष्मकालीन फसलों के अंतर्गत बोए गए 52.40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की तुलना में 60.22 लाख हेक्टेयर है। इसमें से इस वर्ष चावल के अंतर्गत बोया गया क्षेत्र पिछले वर्ष बोए गए 27.33 लाख हेक्टेयर की तुलना में 31.98 लाख हेक्टेयर है (4.65 लाख हेक्टेयर की वृद्धि)।

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान ने फसल कटाई के बारे में भी अधिकारियों से जानकारी ली, जिसके अनुसार 4 अप्रैल 2025 तक पूरे देश में रबी की बुआई क्षेत्र के 58.71% हिस्से की कटाई की जा चुकी है। रबी फसल 2024-25 के तहत दलहनों का लगभग 91% क्षेत्र मुख्यतः लथीरस (96%), उड़द (94%), कुलथी (90%), मूंग (89%); श्री अन्न एवं मोटे अनाजों का 69.40% क्षेत्र मुख्यतः ज्वार 95%; तिलहन का 87.02% क्षेत्र, मुख्यतः रेपसीड और सरसों 90%; गेहूं का 38% और चावल के 32.93% क्षेत्र की कटाई की जा चुकी है।

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