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इस साल इतिहास में सबसे गर्म रहा जून, तापमान में 1.5°C बढ़ोतरी की सीमा

इस साल इतिहास में सबसे गर्म रहा जून, तापमान में 1.5°C बढ़ोतरी की सीमा

जलवायु परिवर्तन का असर पूरी दुनिया पर पड़ता दिखाई दे रहा है। कहीं गर्मी तो कहीं बारिश का तांडव देखा जा सकता है। तापमान ने तो सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस गर्मी में भारत में अब तक 50 डिग्री के पार जा चुका है। इस बीच, यूरोपीय संघ (ईयू) की जलवायु एजेंसी कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) ने बताया कि पिछले महीने पांच महाद्वीपों में लाखों लोगों को चिलचिलाती गर्मी का सामना करना पड़ा। साथ ही इस बात की पुष्टि की कि जून अब तक का सबसे गर्म महीना था।

दुनिया बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन के संकट को टालने के लिए विशेषज्ञों द्वारा निर्धारित 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार करने के कगार पर खड़ी है। जून इस तय सीमा के करीब पहुंचने का लगातार 12वां महीना है। सी3एस के वैज्ञानिकों के मुताबिक, पिछले साल जून के बाद से हर महीना रिकॉर्ड पर सबसे गर्म महीना रहा है।

गौरतलब है, इस साल जनवरी में बढ़ता तापमान औद्योगिक काल (1850 से 1900) से पहले की तुलना में 1.66 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा था, जो इसे अब तक की सबसे गर्म जनवरी बनाता है। बता दें कि कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस यूरोपियन यूनियन के अर्थ ऑब्जरवेशन प्रोग्राम का हिस्सा है। जनवरी 2024 के दौरान सतह के पास हवा का औसत वैश्विक तापमान 13.14 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था, जो 1991 से 2020 के दरमियान जनवरी माह में दर्ज औसत तापमान से करीब 0.7 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है।

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