एकात्म धाम से जाएगा महाकुंभ का संदेश, आचार्य शंकर हमारे आदर्श : अवधेशानंद गिरि
भोपाल। आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास, संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रयागराज महाकुंभ के सेक्टर 18 में स्थित एकात्म धाम शिविर में शुक्रवार को जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि का आगमन हुआ। इस अवसर पर उन्होंने न्यास द्वारा आचार्य शंकर के जीवन दर्शन पर केंद्रित प्रदर्शनी ‘अद्वैत लोक‘ का शुभारंम किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने एकात्म धाम शिविर को महाकुंभ का सबसे अद्भुत शिविर बताते हुए कहा कि “यह शिविर एकत्व की बात करता है और इसका संदेश भगवान आद्य शंकराचार्य के अद्वैत वेदांत पर आधारित है। इस विश्व को जब भी समाधान की आवश्यकता होगी, वह अद्वैत वेदांत में ही मिलेगा। ए.आई. के युग में सत्य की खोज के लिए वेदांत की ओर जाना ही एकमात्र मार्ग होगा। महाकुंभ का जो संदेश पूरे विश्व में जाना चाहिए, वह एकात्म धाम से जाएगा।” विश्व में अशांति कलह,युद्ध सभी का समाधान अद्वैत है। सभी नामरूपो में एक ही ब्रह्म अनेकरूपता एक ब्रह्म का विस्तार समस्त विश्व को यह सत्य आद्य शंकर ने दिया। सत्य की खोज की प्रामाणिकता सिद्ध करने हेतु वेदांत की ओर जाना ही एकमात्र मार्ग है। उन्होंने शुभकामनाएँ व्यक्त करते हुए कहा कि यहां आकर मैं आल्हादित एवं गौरवान्वित हूँ। मुझे प्रसन्नता है कि मैं भी न्यास का हिस्सा हूँ, यह कल्पनाओं से परे है, ऐसा अद्भुत शिविर मैंने कहीं नहीं देखा। इस अवसर पर उन्होंने आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास द्वारा तैयार एकात्म धाम शिविर एवं अद्वैत वेदांत युवा जागरण शिविर की लघु फ़िल्म का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में उपस्थित शंकरदूतों और श्रोताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने अद्वैत वेदांत के महत्व पर प्रकाश डाला और इसके आध्यात्मिक और सामाजिक पक्ष को समझाया।
फिल्म लोकार्पण के बाद पद्मश्री मधुप मुद्गल ने साउंड्स ऑफ़ वननेस के अंतर्गत कबीर की वाणी में अद्वैत के भावों को प्रस्तुत किया। उनकी सांगीतिक प्रस्तुति ने श्रोताओं को अद्वैत के रस से आनंदित कर दिया। कबीर की वाणी और संगीत के माध्यम से अद्वैत का अनुभव प्रदान करते हुए उन्होंने श्रोताओं को बताया कि एकत्व और सत्य का मार्ग ही जीवन का वास्तविक उद्देश्य है।