
रायपुर। जैन धर्म के सातवें तीर्थंकर भगवान सुपार्श्वनाथ जी के जन्मकल्याणक दिवस पर 7 जून को सकल जैन समाज द्वारा नवकार महामंत्र का सामूहिक जाप किया जाएगा। यह आयोजन अहिंसा, करुणा और जीवदया के मूल सिद्धांतों को समर्पित है, जिसका उद्देश्य समस्त जीवों के प्रति दया और विश्व शांति का संदेश फैलाना है।
सीमंधर स्वामी जैन मंदिर व दादाबाड़ी ट्रस्ट भैरव सोसायटी के अध्यक्ष संतोष बैद और महासचिव महेन्द्र कोचर ने बताया कि बढ़ती पशु हिंसा और पर्यावरण असंतुलन के बीच यह जाप विशेष प्रासंगिकता रखता है। भगवान महावीर स्वामी का “जियो और जीने दो” का संदेश आज की दुनिया के लिए पहले से कहीं ज्यादा ज़रूरी बन गया है। महेन्द्र कोचर ने बताया कि नवकार महामंत्र का जाप सभी प्रकार की विपत्तियों से रक्षा करने वाला मंत्र है। इसलिए पूरे जैन समाज से आह्वान किया गया है कि 7 जून को सात बार नवकार महामंत्र का जाप करें और समस्त जीवों के प्रति अभयदान के भाव से इस आध्यात्मिक यज्ञ में भाग लें। इस आयोजन के माध्यम से जैन समाज धर्म, करुणा और संवेदना के मूल मूल्यों को जीवित रखने का संदेश देगा, साथ ही समाज में अहिंसा और सह-अस्तित्व की भावना को और अधिक मजबूत किया जाएगा।