नई दिल्लीराज्य

स्वच्छता अभियान ने शौचालय बनाकर माताओं, बहनों के जीवन से एक अभिशाप को किया खत्म : उपराष्ट्रपति

दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने प्रधानमंत्री के स्वच्छता पर फोकस के बारे में लोगों के दृष्टिकोण में आए परिवर्तनकारी बदलाव पर प्रकाश डाला।

राजस्थान के झुंझुनू में परमवीर पीरू सिंह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ अभियान के उद्घाटन को संबोधित करते हुए श्री धनखड़ ने कहा, “15 अगस्त 2014 को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई घोषणा एक दशक में दुनिया का सबसे क्रांतिकारी कदम साबित हुई है। यह देश में निरंतर परिवर्तन का प्रतीक है। पिछले एक दशक में इस अभियान के कारण और प्रधानमंत्री की पहल से स्वच्छता के प्रति लोगों की सोच में क्रांतिकारी और व्यापक बदलाव आया है।

स्वच्छता में सार्वजनिक भागीदारी के महत्व पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश में शौचालयों की कमी एक अभिशाप थी जिसे इस अभियान के माध्यम से समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “महिलाओं की गरिमा से समझौता किया जा रहा था और बड़े पैमाने पर निष्पादित यह मिशन अब बहुआयामी विकास में परिलक्षित हो रहा है।

स्वच्छता अभियान के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए श्री धनखड़ ने स्वच्छता को चरित्र, मूल्यों और संस्कृति से जोड़ने के संकल्प का आह्वान किया। शुरू किए गए नए अभियान पर अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री जगदीप धनखड़ ने कहा, “एक दशक के बाद, एक नई शुरुआत हो रही है, यह अभियान स्वच्छता तक सीमित नहीं होना चाहिए। यह हमारी सोच और आदतों में बदलाव लाए, सकारात्मक रूप से जीवनशैली को प्रभावित करे तथा आर्थिक प्रगति में विशेष योगदान दे।

उपराष्ट्रपति ने ‘मेरा युवा भारत’ कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने सभी कॉलेजों के कुलपतियों, प्रधानाचार्यों और प्रधानाध्यापकों से युवाओं को इस कार्यक्रम से जोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा, “विकसित भारत की परिकल्पना से जुड़ने के लिए डेढ़ करोड़ युवा आगे आए हैं। इससे उनकी मानसिकता बदलेगी, राष्ट्रवाद के प्रति उनकी प्रतिबद्धता में सुधार होगा और हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा। यह फलेगा-फूलेगा और समृद्ध होगा।

स्वच्छ भारत अभियान की उपलब्धियों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि एक समय था जब 130 करोड़ के देश में हर घर में शौचालय होने का मिशन कल्पना से परे था, लेकिन आज यह बदलाव प्रधानमंत्री की पहल से आया है।

भारत में अपशिष्ट प्रबंधन में आमूल-चूल परिवर्तनों को रेखांकित करते हुए, श्री धनखड़ ने कहा, “भारत अब दुनिया के लिए एक प्रेरणा बन गया है। आज कचरे से ईंधन और ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है।

स्वच्छता कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “हमें उन्हें सम्मान देना चाहिए। वे ऐसे महत्त्वपूर्ण कार्यों में लगे हुए हैं जो न केवल समाज बल्कि पर्यावरण के लिए भी महत्वपूर्ण है।”

उन्होंने आगे कहा कि, “स्वच्छता एक सेवा है। यह मानवता-मात्र के लिए है। हमें इसे खुले दिमाग से अपनाना चाहिए। जब पूरा समाज एकजुट होकर इस दिशा में काम करेगा, तो मुझे उम्मीद है कि हम एक स्वच्छ और मजबूत भारत का निर्माण करने में सफल होंगे।”

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