रायपुर: एमएमआई नारायण हॉस्पिटल, रायपुर में 63 वर्षीय श्री बालदाऊ राम सेन का सफल बोन मैरो ट्रांसप्लांट हुआ है। पिछले 3 वर्षों से उन्हें लिम्फोमा (ब्लड कैंसर) था जिसके कारण उन्हे बहुत कमजोरी और उनका वजन भी काम हो गया था।
श्री सेन को पहले इम्यूनोथेरेपी और कीमोथेरेपी दी गई। इसके बाद कैंसर सेल को खतम करने के लिए हाई डोज मल्टीएजेंट कीमोथेरेपी दी गई, फिर पेरिफेरल नस के माध्यम से स्टेम सेल इन्फ्यूजन किया गया, यह पूरी बोन मैरो ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया 3 सप्ताह तक चली । बोन मैरो ट्रांसप्लांट सफल रहा और वह इस बीमारी से ठीक हो चुके है।
डॉ. यशवंत कश्यप (मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट) ने कहा, यह एक जटिल प्रक्रिया थी क्योंकि मरीज की उम्र अधिक थी और कैंसर भी एडवांस स्टेज में था। लेकिन एमएमआई नारायण हॉस्पिटल में अनुभवी डॉक्टरों की टीम है – डॉ. यशवंत कश्यप (मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट), डॉ. भरत भूषण (सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट), डॉ. नेहा जायसवाल (गाइनेकोलॉजी ऑन्को सर्जन), डॉ. अशुतोष दास शर्मा (रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट), डॉ. राजेंद्र पटेल (रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट), यश चढ्ढा (हेड एंड नेक ऑन्को सर्जन) और टीम मेम्बर्स जिन्होंने इस प्रक्रिया में मदद की डॉ प्रदीप शर्मा (वरिष्ठ सलाहकार क्रिटिकल केयर मेडिसिन), डॉ. मुकेश शर्मा (वरिष्ठ सलाहकार – इंटरनल मेडिसिन), डॉ. राकेश राजकुमार चंद (वरिष्ठ सलाहकार, एनेस्थीसिया) डॉ जय प्रकाश यादव (वरिष्ठ सलाहकार क्रिटिकल केयर सर्विसेज) डॉक्टर अविनाश तिवारी (पैलीएटिव मेडिसन) | हॉस्पिटल ऐसी चुनौतीपूर्ण प्रक्रियाओं को करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक और अनुभवी डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ के साथ पूरी तरह से तैयार है।”
एमएमआई नारायण हॉस्पिटल के फैसिलिटी डायरेक्टर तपनी घोष ने कहा कि एमएमआई नारायण अस्पताल बहुत ही गौरवान्वित एवं हर्ष महसूस करता है बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसी जटिल प्रक्रिया को रायपुर सहर मे ही अब सफलता पूर्वक किया जा रहा है | एमएमआई नारायण हॉस्पिटल शहर का एकमात्र ऑन्कोलॉजी हॉस्पिटल है जिसमें ऑन्कोलॉजी रोगियों के लिए सुपर-स्पेशियलिटी बैकअप, जिसमे दुर्लभ और सबसे जटिल मामलों का संचालन करने के लिए सहायता प्रदान करना, 24×7 आपातकालीन सेवा भी उपलब्ध है । हॉस्पिटल में एडवांस ब्रैकी थेरेपी रेडिएशन मशीन, ऑपरेशन थिएटर और डे केयर पूरी तरह से उपकरणों से लैस है जो हमें व्यापक कैंसर देखभाल के लिए कैंसर-तैयार हॉस्पिटल बनाता है।