
दुर्ग। जिले में लगातार हो रही तेज बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बारिश की वजह से शिवनाथ नदी उफान पर है, जिससे बाढ़ जैसे हालात बनते जा रहे हैं। नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि को देखते हुए जिला प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है और नदी किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
प्रशासन ने SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम को प्रभावित इलाकों में तैनात कर दिया है। विशेष रूप से नदी किनारे बसे ईंट भट्ठों में काम करने वाले मजदूरों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है।
दुर्ग शहर के शंकर नगर, बोरसी, मीनाक्षी नगर, गया नगर, मालवीय नगर चौक, जल परिसर, पद्मनाभपुर सहित कई वार्डों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया है जिससे यातायात और जनजीवन दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
एसडीआरएफ की बहादुरी: नदी में फंसे 32 लोगों को सुरक्षित निकाला
बाढ़ की सबसे गंभीर घटना अंजोरी चौकी क्षेत्र के ग्राम थनौद में सामने आई, जहां भारतमाला परियोजना के तहत सड़क निर्माण का कार्य जारी था। अचानक नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई, और काम कर रहे मजदूर, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, वहां फंस गए।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए एसडीआरएफ की टीम को मौके पर भेजा। टीम ने साहस और सूझबूझ के साथ राहत एवं बचाव कार्य अंजाम दिया और 32 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
एसडीआरएफ दुर्ग के जिला सेनानी नागेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन नदी के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।