दिल्ली। केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज नासिक स्थित आरपीएफ क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की 40वीं स्थापना दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने 33 आरपीएफ कर्मियों को सम्मानित किया, जिन्हें 2023 और 2024 के दौरान यात्रियों की जान बचाने में उनके साहसी प्रयासों के लिए प्रतिष्ठित पुलिस पदक और जीवन रक्षा पदक प्रदान किए गए। ये पुरस्कार देश के रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा में आरपीएफ की अनुकरणीय सेवा को दर्शाते हैं और बल के अन्य सदस्यों को नए जोश के साथ अपने समर्पित प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रेरित करेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने सुरक्षा उपायों को बढ़ाने में आधुनिक तकनीक को सक्रिय रूप से अपनाने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की सराहना की। उन्होंने आश्वासन दिया कि आरपीएफ को अपने कर्मियों की सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट और बेहतर हेलमेट सहित आधुनिक सुरक्षात्मक गियर से लैस किया जाएगा। इसके अलावा, मंत्री ने महिला कर्मियों के लिए सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने के साथ आरपीएफ के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्रों के उन्नयन और आधुनिकीकरण के लिए ₹35 करोड़ के अनुदान की घोषणा की। तमिलनाडु में आरपीएफ डॉग स्क्वॉड के लिए क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र तैयार करने के उद्देश्य से ₹5.5 करोड़ का अतिरिक्त अनुदान स्वीकृत किया गया, जिसका उद्देश्य विशेष प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है।
केंद्रीय मंत्री ने अनुशासन और प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन के रूप में आरपीएफ परेड के दौरान औपचारिक सलामी भी ली। इस कार्यक्रम के भाग के रूप में, श्री वैष्णव ने ‘संज्ञान’ मोबाइल एप्लिकेशन का हिंदी संस्करण लॉन्च किया, जिससे बल के भीतर संचार को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने तीन नए अधिनियमित आपराधिक कानूनों पर संदर्भ पुस्तकों के हिंदी संस्करण भी जारी किए, जिनका उद्देश्य आरपीएफ कर्मियों के कानूनी ज्ञान को मजबूत करना है।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, श्री वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया, जो भारतीय रेलवे के व्यापक परिवर्तन में मार्गदर्शक और प्रेरक शक्ति रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 5300 किलोमीटर नई रेल लाइनें बिछाई गई हैं और पिछले 10 वर्षों में 31,000 किलोमीटर नई रेल लाइनें बिछाई गई हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों के दौरान 40,000 किलोमीटर लाइनों का विद्युतीकरण किया गया है, जो पिछले 60 वर्षों में किए गए कार्यों से दोगुना है।
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय रेलवे का लक्ष्य वंदे भारत और अमृत भारत जैसी नए युग की ट्रेनों के माध्यम से अच्छी, आरामदायक, तेज और सस्ती यात्रा प्रदान करना है, साथ ही देश के सभी लोगों के लिए सुरक्षित यात्रा अनुभव के लिए कवच जैसी आधुनिक सुविधाएं प्रदान करना है। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों की सुविधा के लिए वर्तमान में लगभग 12,500 सामान्य श्रेणी के डिब्बे बनाए जा रहे हैं।
40वें स्थापना दिवस परेड के अवसर पर आरपीएफ के महानिदेशक श्री मनोज यादव, मध्य रेल के महाप्रबंधक श्री धर्मवीर मीना, भुसावल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक और मध्य रेल के मुख्यालय एवं मंडल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
आरपीएफ स्थापना दिवस परेड आरपीएफ के सदस्यों और उनके परिवारों द्वारा मनाई जाती है। यह दिन जनता की भलाई के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने और उनकी खुशियां साझा करने का दिन है। आरपीएफ को न केवल रेलवे संपत्ति, बल्कि यात्रियों और यात्री क्षेत्रों की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह एक करुणा पूर्ण बल के रूप में उभरा है क्योंकि यह रेलवे के संपर्क में आने वाली महिलाओं, बच्चों, बीमारों, बुजुर्गों, दिव्यांगों और देखभाल और सुरक्षा की जरूरत वाले अन्य लोगों की मदद करता रहा है। यह बल रेल यात्रियों को सुरक्षित, संरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है। यह परिवहन सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर, आतंकवादी कृत्यों के खिलाफ निवारक कार्रवाई करके, मानव तस्करी और तस्करी से जुड़े अपराधों से लड़कर, अपराध का पता लगाने में पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मदद करके, कानून और व्यवस्था बनाए रखने में सहायता करके, राष्ट्रीय और राज्य चुनावों के दौरान बंदोबस्त करके राष्ट्रीय सुरक्षा ग्रिड में एक महत्वपूर्ण हितधारक बन गया है।
रेलवे सुरक्षा बल ने “सेवा ही संकल्प” के उद्देश्य को साकार करने के लिए अत्यंत समर्पण, ईमानदारी और कड़ी मेहनत के साथ राष्ट्र और उसके नागरिकों की सेवा के लिए खुद को समर्पित किया है और अपने आदर्श वाक्य – “यशो लाभस्व” के लिए काम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।