
राजधानी लखनऊ में डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। नई घटना पीजीआई के पुराना कैंपस में रहने वाले डॉक्टर की बुजुर्ग मां के साथ हुई। मां को डिजिटल अरेस्ट कर मुंबई क्राइम ब्रांच व सीबीआई अधिकारी बन जालसाजों ने 18 लाख रुपये ठग लिए। जालसाजों ने उनको सात दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा। ठगी का शिकार हुई बुजुर्ग सेवानिवृत्त शिक्षिका ने साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया है।
हरियाणा के पंचकुला हरियाणा की रहने वाली सेवानिवृत्त शिक्षिका शिखा हलदर पीजीआई पुराना कैंपस निवासी डॉक्टर बेटे और बहू के साथ रहती है। उनके मुताबिक पांच नवंबर को सुबह 10 बजे उनके एक अनजान नंबर से कॉल आई। फोनकर्ता ने खुद को एसबीआई का कस्टमर का एजेंट बताया और शिखा के नाम से क्रेडिट कार्ड का फ्राड होने की जानकारी दी।
शिखा ने क्रेडिट कार्ड के प्रयोग से इंकार कर दिया। इसके बाद जालसाज ने मुंबई क्राइम ब्रांच का नाम लेते हुए पूछताछ किए जाने की बात कही। कुछ देर के बाद शिखा के पास एक व्हाट्सएप कॉल आई। कॉल करने वाले खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच कर्मी बताया। उसने बताया कि शिखा के नाम पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज है और उनके बैंक खातों की जांच होनी है।
धमका कर वसूले गए पीड़िता से रुपये
जालसाज ने इसके बाद शिखा को बताया कि अब आगे की जांच सीबीआई करेगी और फिर शिखा के पास एक दूसरे अनजान नंबर से व्हाट्सएप कॉल आई। उसने मनी लॉड्रिंग के केस का आरोपी बताते हुए पूरे परिवार को जेल भेजने की जैसे तमाम धमकी दी। इसके बाद जालसाज ने शिखा को धमकाते हुए रुपये वसूलने शुरू किए और 12 नंबर तक अलग-अलग बैंक खाते में 18 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए।