प्रधानमंत्री मोदी ने सतना और दतिया हवाई अड्डों का किया वर्चुअल उद्घाटन

दिल्ली। क्षेत्रीय संपर्क और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश में हाल में विकसित सतना हवाई अड्डे और उन्नत किए गए दतिया हवाई अड्डे का वर्चुअल उद्घाटन किया। बुंदेलखंड और बघेलखंड क्षेत्रों के लिए एक परिवर्तनकारी पहल के प्रतीक इस ऐतिहासिक अवसर दोनों हवाई अड्डों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। यह उपलब्धि उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत देश के हर कोने में हवाई यात्रा के लाभों को पहुंचाने के भारत सरकार के संकल्प की प्रतीक है।
दतिया एयरपोर्ट पर आयोजित समारोह में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री श्री राममोहन नायडू उपस्थित रहे, जबकि सतना एयरपोर्ट पर आयोजित कार्यक्रम में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री श्री मुरलीधर मोहोल शामिल हुए। दोनों मंत्रियों ने क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने, पहुंच में सुधार लाने और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को गति देने पर नागर विमानन मंत्रालय के खास जोर का उल्लेख किया।
उद्घाटन समारोह में मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई सी. पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उपमुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ला और श्री जगदीश देवड़ा, नागर विमानन मंत्रालय में सचिव श्री समीर कुमार सिन्हा और एएआई के चेयरमैन श्री विपिन कुमार सहित अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति और जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
सतना हवाई अड्डा: एक क्षेत्रीय हब को सशक्त बनाना
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा ₹36.96 करोड़ की लागत से विकसित सतना हवाई अड्डा, पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश में एक प्रमुख क्षेत्रीय हब के रूप में काम करने के लिए तैयार है। अपनी सांस्कृतिक और औद्योगिक विशिष्टता के लिए जाना जाने वाला सतना का नया हवाई अड्डा अब चित्रकूट और मैहर जैसे धार्मिक और औद्योगिक केंद्रों को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
768 वर्ग मीटर में फैला टर्मिनल भवन पीक-ऑवर में 50 यात्रियों और सालाना 2.5 लाख यात्रियों को संभालने के लिए सुसज्जित है। आधुनिक यात्री सुविधाओं, एक रीकार्पेट किए गए रनवे, डोर्नियर-228 विमानों के लिए एप्रन सुविधाओं और एटीसी टावर और फायर स्टेशन सहित समर्पित बुनियादी ढांचे के साथ, हवाई अड्डा क्षेत्रीय परिवहन को बदलने के लिए तैयार है। 100% एलईडी लाइटिंग, सोलर स्ट्रीट लाइट और बागवानी के लिए उपचारित पानी का पुन: उपयोग जैसी टिकाऊ सुविधाएं इसके विकास में अपनाए गए पर्यावरण के प्रति जागरूक दृष्टिकोण को और अधिक रेखांकित करती हैं।
दतिया हवाई अड्डा: सांस्कृतिक भव्यता का प्रवेशद्वार
₹60.63 करोड़ की लागत से निर्मित उन्नत दतिया हवाई अड्डा, ऐतिहासिक शहर दतिया को राष्ट्रीय विमानन मानचित्र से जोड़ेगा। इस शहर को अपने आध्यात्मिक महत्व और स्थापत्य विरासत के लिए जाना जाता है। हवाई अड्डे में 768 वर्ग मीटर का एक टर्मिनल भवन है, जिसमें पीक-ऑवर में 150 यात्रियों और सालाना 2.5 लाख लोगों को संभालने की क्षमता है। एटीआर-72 विमानों के लिए परिचालन तत्परता और ए-320 विमानों को समायोजित करने की भविष्य की योजनाओं के साथ, दतिया हवाई अड्डा प्रसिद्ध पीतांबरा पीठ और दतिया पैलेस आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेशद्वार है। हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे में एक नया रीकार्पेट किया गया रनवे, एप्रन बे, एटीसी टॉवर और एक फायर स्टेशन शामिल हैं, साथ ही वर्षा जल संचयन और ऊर्जा-कुशल प्रकाश व्यवस्था जैसे स्थिरता से जुड़े उपाय भी किए गए हैं।
सतना और दतिया हवाई अड्डों के चालू होने से पर्याप्त आर्थिक और सामाजिक लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे और आतिथ्य, खुदरा, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे संबंधित क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा मिलेगा। ये परियोजनाएं भारत में विमानन परिदृश्य को बदलने और विकास को कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं।