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राष्ट्रपति मुर्मू ने सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित कर, कहा- राम मंदिर के निर्माण का सदियों से था इंतजार…

10 वर्षों में भारत ने राष्ट्रीय हित की दिशा में कई कार्य पूरे होते देखा है, जिनका देश के लोगों को दशकों से इंतजार था।

नई दिल्ली: मोदी सरकार के अंतिम बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नए संसद भवन में दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने राष्ट्रीय हित की दिशा में कई कार्य पूरे होते देखा है, जिनका देश के लोगों को दशकों से इंतजार था। राम मंदिर निर्माण का सदियों से इंतजार था, आज यह एक वास्तविकता बन गई है।

उन्होंने कहा कि 10 साल में उन्होंने जो किया, अपने संसदीय क्षेत्र में भी 100 लोगों से पूछ लें किसी को याद नहीं होगा। किसी को नाम भी पता नहीं होगा। लेकिन जिसने सदन में उत्तम विचारों से संसद को लाभान्वित किया होगा, उन्हें एक बहुत बड़ा वर्ग आज भी याद करता होगा।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से पहले संसद में बजट सत्र शुरू होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को नसीहत देते हुए इसे पश्चाताप का अवसर करार दिया। मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं आशा करता हूं कि गत 10 वर्ष में जिसको जो रास्ता सुझा उस प्रकार से संसद में सब ने अपना अपना कार्य किया।

प्रधानमंत्री का कहना है कि जब चुनाव का समय निकट होता है तब पूर्ण बजट नहीं रखा जाता है, हम भी उसी परंपरा का पालन करते हुए नई सरकार बनने के बाद पूर्ण बजट आएंगे। मुझे विश्वास है कि देश नित्य प्रगति की नई-नई ऊंचाइयों को पार करते हुए आगे बढ़ रहा है। इस बार दिशा-निर्देशक बातें लेकर देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल हम सबके सामने बजट पेश करने वाली हैं।

मोदी ने कहा कि 26 जनवरी को भी हमने देखा किस प्रकार से देश ने कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति के सामर्थ्य-शौर्य को अनुभव किया और आज बजट सत्र का आरंभ हो रहा है तब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का मार्गदर्शन और कल निर्मला सीतारमण द्वारा अंतरिम बजट, एक प्रकार से नारी शक्ति के साक्षात्कार का पर्व है।

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