
सारंगढ़। बारिश के मौसम में डायरिया, मलेरिया, डेंगू जैसी मौसमी बीमारियों की आशंका को देखते हुए सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक तैयारी शुरू कर दी है। कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे के निर्देशन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एफ. आर. निराला की निगरानी में जिले के तीनों विकासखंडों में रिस्क जोन वाले गांवों की पहचान कर तैयारियां की जा रही हैं।
तीन कैटेगरी में चिन्हित किए गए संवेदनशील गांव
डायरिया प्रभावित गांव – पिछले तीन वर्षों में डायरिया के प्रकरण वाले 8 गांव
बाढ़ प्रभावित गांव –
बरमकेला: 23 गांव
सारंगढ़: 17 गांव
बिलाईगढ़: 10 गांव
पहुंच विहीन गांव – बारिश में पहुंच से दूर हो जाने वाले 11 गांव
इन सभी गांवों में 10 जून से पहले दवाओं का भंडारण, जल शुद्धिकरण सामग्री की आपूर्ति, और जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
19 कॉम्बैट टीम तैनात, फील्ड में होंगी एक्टिव
बारिश के दौरान तेजी से प्रतिक्रिया के लिए 19 कॉम्बैट टीमों का गठन किया गया है, जिनमें डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ शामिल हैं। सूचना मिलते ही यह टीमें तत्काल प्रभावित गांव पहुंचेंगी।
वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव के उपाय
मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू की रोकथाम के लिए कूलर, गमले, पुराने टायर, छत की सफाई
नालियों में जला हुआ तेल या मिट्टी का तेल डालने की सलाह
मच्छरदानी का प्रयोग, खासकर मेडिकेटेड मच्छरदानी लगाने का सुझाव
जून माह को मलेरिया रोधी माह के रूप में मनाया जा रहा है
जलजनित रोगों से बचने के लिए सुझाव
केवल उबला या शुद्ध पानी का सेवन करें
बासी या खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों से बचें
सड़े-गले फल-सब्जियों और अस्वच्छ भोजन के सेवन से परहेज करें
सूचना तंत्र को बनाया जा रहा मजबूत
ब्लॉक स्तर से दैनिक रिपोर्टिंग
प्राइवेट अस्पतालों से समन्वय
गैर पंजीकृत चिकित्सकों पर निगरानी
सूचना तत्काल कंट्रोल रूम या कॉम्बैट टीमों तक पहुंचे, इसके लिए समन्वय प्रणाली मजबूत की जा रही है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. निराला ने अपील की है कि आम नागरिक भी सतर्कता बरतें, स्वच्छता बनाए रखें और संदिग्ध लक्षणों पर तुरंत स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। सभी के सहयोग से डायरिया, मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों को रोका जा सकता है।