दिल्लीराज्य

कोयले उत्पादन और आपूर्ति के रुझान का सकारात्मक विकास

दिल्ली। सामान्य से अधिक वर्षा के कारण खनन और आवागमन प्रभावित होने तथा 2024 के अगस्त महीने में कुछ अल्पकालिक बदलावों के बावजूद, अप्रैल से अगस्त 2024 की अवधि के लिए देश का कोयला उत्पादन एवं आपूर्ति का रुझान सकारात्मक विकास को दर्शाता है। कोयला मंत्रालय विश्वसनीय कोयला उत्पादन और आपूर्ति के जरिये देश की ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए कटिबद्ध है।

अप्रैल से अगस्त 2024 तक, भारत का कुल कोयला उत्पादन 384.07 मिलियन टन (एमटी) तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 361.11 मिलियन टन की तुलना में 6.36 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। हालांकि, अगस्त 2024 में, कुल कोयला उत्पादन थोड़ा कम होकर 62.67 मिलियन टन हो गया, जो अगस्त 2023 में 67.76 मिलियन टन से कम है।

अप्रैल से अगस्त 2024 के दौरान, देश भर में कोयले की आपूर्ति की बात की जाए तो यह 412.69 मिलियन टन रही, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 392.40 मिलियन टन की तुलना में 5.17 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, अगस्त 2024 में कोयले की आपूर्ति थोड़ी कम होकर 69.94 मिलियन टन रह गई, जबकि अगस्त 2023 में यह 75.19 मिलियन टन थी।

विद्युत क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति एक प्रमुख प्राथमिकता बनी हुई है। अप्रैल से अगस्त 2024 के बीच, विद्युत क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति 338.75 मिलियन टन तक पहुंच गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान आपूर्ति की गई 325.33 मिलियन टन से 4.13 प्रतिशत अधिक है। अगस्त 2024 में विद्युत क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति 58.07 मिलियन टन थी, जो अगस्त 2023 में दर्ज 61.43 मिलियन टन से थोड़ी कम है।

31 अगस्त 2024 तक, तापीय विद्युत संयंत्र में कोयले के स्टॉक के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो 37.18 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो 31 अगस्त, 2023 को कोयले के स्टॉक 28.15 मिलियन टन की तुलना में 32.08 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

ये परिणाम कोयला मंत्रालय की देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्थिर कोयला उत्पादन और आपूर्ति सुनिश्चित करने की कटिबद्धता को दर्शाते हैं और साथ ही ये कोयला क्षेत्र में परिचालन संबंधी चुनौतियों का समाधान भी करते हैं।

 

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