दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड में आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय की एक विशाल सभा को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में 15,000 से अधिक लोग शामिल हुए।
समुदाय ने प्रधानमंत्री का स्वागत असाधारण गर्मजोशी और उत्साह के साथ किया। सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध दो महान लोकतंत्रों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारतीय अमेरिकी समुदाय द्वारा प्रभावशाली रूप से समृद्ध हैं। प्रधानमंत्री ने एक दिन पहले डेलावेयर में राष्ट्रपति बाइडेन के साथ उनके घर पर हुई अपनी मुलाकात के बारे में चर्चा की। यह विशेष भाव विश्वास के उस पुल को दर्शाता है, जो भारतीय समुदाय ने अमेरिका के साथ बनाया है।
प्रधानमंत्री ने 2047 तक विकसित भारत के अपने विजन के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि मानव इतिहास की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया ने उन्हें ऐतिहासिक तीसरा कार्यकाल प्रदान किया है, जिसमें वे पहले से कहीं अधिक समर्पण के साथ भारत की प्रगति के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने पिछले दशक में भारत में हुए व्यापक बदलावों – अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे के निर्माण से लेकर 250 मिलियन लोगों को गरीबी के चंगुल से बाहर निकालने तक, भारत की आर्थिक वृद्धि और 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने तक, और अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य को रेखांकित किया।
प्रधानमंत्री ने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सुधारों को आगे बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने देश में नई जीवंतता का उल्लेख किया, जिसमें नवाचार, उद्यमशीलता, स्टार्ट-अप, वित्तीय समावेशन और डिजिटल सशक्तिकरण विकास और समृद्धि को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने महिलाओं के नेतृत्व में विकास और हरित परिवर्तन के जमीनी स्तर पर व्यापक प्रभाव पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत वैश्विक विकास, समृद्धि, शांति और सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन कार्रवाई, नवाचार, आपूर्ति और मूल्य श्रृंखलाओं तथा वैश्विक कौशल अंतर को दूर करने में प्रमुख योगदानकर्ता है। उन्होंने कहा कि आज वैश्विक मंच पर भारत की आवाज और भी गहन और जोरदार तरीके से गूंज रही है।
प्रधानमंत्री ने अमेरिका के बोस्टन और लॉस एंजेलिस में दो नए भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलने तथा ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में तमिल अध्ययन के लिए तिरुवल्लुवर चेयर खोलने की योजना की घोषणा की । इन कदमों से भारत और अमेरिका में रहने वाले उसके प्रवासियों के बीच संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारतीय प्रवासी अपनी मजबूत संगठित शक्ति के साथ भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।