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PM मोदी ने नई दिल्ली में सेमीकॉन इंडिया 2025 का किया उद्घाटन

दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित यशोभूमि में भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्‍टम को गति प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित ‘सेमीकॉन इंडिया-2025’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देश-विदेश के सेमीकंडक्टर उद्योग के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और उनके सहयोगियों की उपस्थिति का आभार व्यक्त किया। उन्होंने विभिन्न देशों से आए विशिष्ट अतिथियों, स्टार्ट-अप से जुड़े उद्यमियों और देश भर के विभिन्न राज्यों से आए युवा छात्रों का स्वागत किया।

श्री मोदी ने कहा कि वे कल रात ही जापान और चीन की अपनी यात्रा से लौटे हैं और आज आकांक्षाओं और आत्मविश्वास से परिपूर्ण यशोभूमि के इस परिसर में दर्शकों के बीच उपस्थित हैं। हमेशा से स्वाभाविक और सर्वविदित प्रौद्योगिकी के प्रति अपने जुनून का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में अपनी जापान यात्रा के दौरान, उन्हें जापानी प्रधानमंत्री श्री शिगेरु इशिबा के साथ टोक्यो इलेक्ट्रॉन कारखाने का दौरा करने का अवसर मिला। उन्होंने बताया कि उस कंपनी के सीईओ आज दर्शकों के बीच उपस्थित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी के प्रति उनका झुकाव उन्हें बार-बार ऐसे लोगों के बीच लाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दर्शकों के बीच उपस्थित होकर उन्हें अत्‍यंत प्रसन्‍नता का अनुभव हो रहा है।

दुनिया भर के 40 से 50 देशों के सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विशेषज्ञों की उपस्थिति को देखते हुए, श्री मोदी ने कहा कि भारत की नवाचार और युवा शक्ति भी इस कार्यक्रम में स्पष्ट रूप से उपस्थित है। उन्होंने कहा कि यह अनूठा संयोजन एक स्पष्ट संदेश देता है कि दुनिया भारत पर भरोसा करती है, दुनिया भारत में विश्वास करती है और दुनिया भारत के साथ सेमीकंडक्टर का भविष्य बनाने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री ने सेमीकॉन इंडिया में उपस्थित सभी विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि वे एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की यात्रा में महत्वपूर्ण भागीदार हैं।

हाल ही में जारी इस वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों का उल्‍लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि एक बार फिर, भारत ने हर आशा, हर अनुमान और हर पूर्वानुमान को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि जहां दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं आर्थिक निज स्वार्थ से प्रेरित चिंताओं और चुनौतियों का सामना कर रही हैं, वहीं भारत ने 7.8 प्रतिशत की विकास दर हासिल की है। श्री मोदी ने कहा कि यह वृद्धि सभी क्षेत्रों—विनिर्माण, सेवा, कृषि और निर्माण—में दिखाई दे रही है और हर क्षेत्र में उत्साह साफ़ दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि भारत का त्‍वरित विकास सभी उद्योगों और प्रत्येक नागरिक में नई ऊर्जा का संचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि विकास की यह गति भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेज़ी से अग्रसर कर रही है।

सेमीकंडक्टर की दुनिया में अक्सर कहा जाता है कि ‘तेल काला सोना था, लेकिन चिप डिजिटल हीरे हैं’, इस कथन पर अपने विचार व्‍यक्‍त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तेल ने पिछली सदी को आकार दिया और दुनिया का भाग्य तेल के कुओं से तय होता है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव इस बात पर निर्भर करता था कि इन कुओं से कितना पेट्रोलियम निकाला गया। हालांकि, 21वीं सदी की शक्ति अब छोटी चिप में केंद्रित है। आकार में छोटे होने के बावजूद, ये चिप वैश्विक प्रगति को तेज़ी से बढ़ाने की क्षमता रखते हैं। श्री मोदी ने कहा कि वैश्विक सेमीकंडक्टर बाज़ार पहले ही 600 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है और आने वाले वर्षों में इसके 1 ट्रिलियन डॉलर को पार करने की आशा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जिस गति से भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, उसे देखते हुए इस 1 ट्रिलियन डॉलर के बाज़ार में भारत की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी होगी।

भारत की त्‍वरित गति से प्रगति का उल्‍लेख करते हुए श्री मोदी ने याद दिलाया कि वर्ष 2021 में सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम शुभारंभ किया गया था। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 तक, भारत का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र स्वीकृत हो चुका है। वर्ष 2024 में कई और संयंत्रों को स्‍वीकृति मिल गई है और वर्ष 2025 में पांच अतिरिक्त परियोजनाओं को स्‍वीकृति मिल गई है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर, दस सेमीकंडक्टर परियोजनाएं वर्तमान में जारी हैं, जिनमें अठारह अरब डॉलर से अधिक यानी 1.5 लाख करोड़ रूपये से ज़्यादा का निवेश शामिल है। प्रधानमंत्री ने बल देते कहा कि यह भारत में बढ़ते वैश्विक विश्वास को दर्शाता है।

सेमीकंडक्टर क्षेत्र में गति के महत्व पर ज़ोर देते हुए श्री मोदी ने कहा कि फ़ाइल से फ़ैक्टरी तक का समय जितना कम होगा और कागजी प्रक्रिया जितनी कम होंगी, वेफ़र का काम उतनी ही जल्दी शुरू हो सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार इसी दृष्टिकोण से कार्य कर रही है। राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली लागू की गई है, जिससे केंद्र और राज्य दोनों से सभी स्वीकृतियां एक ही स्‍थान पर प्राप्त की जा सकेंगी। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, निवेशकों को लंबी कागजी प्रक्रिया से मुक्ति मिल गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश भर में प्लग-एंड-प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल के तहत सेमीकंडक्टर पार्क विकसित किए जा रहे हैं, जो भूमि, बिजली आपूर्ति, बंदरगाह और हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी और कुशल श्रमिकों के एक समूह तक पहुंच जैसी सुविधाएं प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि जब इस तरह के बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहनों के साथ जोड़ा जाता है, तो औद्योगिक विकास अवश्यंभावी है। चाहे पीएलआई प्रोत्साहनों के माध्यम से हो या डिज़ाइन लिंक्ड अनुदानों के माध्यम से, भारत शुरूआत से अंत तक क्षमताएं प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि निवेश का प्रवाह जारी है। भारत बैकएंड ऑपरेशन से आगे बढ़कर एक पूर्ण-स्टेक सेमीकंडक्टर राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर के दृष्टिकोण पर विचार व्‍यक्‍त करते हुए श्री मोदी ने दोहराया कि वह दिन दूर नहीं जब भारत की सबसे छोटी चिप दुनिया के सबसे बड़े बदलाव की आधारशिला रखेगी। उन्होंने कहा कि हमारी यात्रा देर से शुरू हुई, लेकिन अब हमें कोई नहीं रोक सकता। प्रधानमंत्री ने बताया कि सीजी पावर के पायलट प्लांट ने 28 अगस्त को, यानी सिर्फ़ 4-5 दिन पहले, परिचालन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि केनेस का पायलट प्लांट भी जल्द ही शुरू होने वाला है। माइक्रोन और टाटा के परीक्षण चिप पहले से ही उत्पादन में हैं। उन्होंने दोहराया कि इस वर्ष वाणिज्यिक चिप उत्पादन शुरू हो जाएगा, जो सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत की तेज़ प्रगति को दर्शाता है।

श्री मोदी ने कहा कि भारत की सेमीकंडक्टर सफलता की गाथा किसी एक कार्यक्षेत्र या किसी एक तकनीक तक सीमित नहीं है। भारत एक व्यापक इकोसिस्‍टम का निर्माण कर रहा है- जिसमें डिज़ाइनिंग, निर्माण, पैकेजिंग और उच्च तकनीक वाले उपकरण, सभी देश के भीतर शामिल हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सेमीकंडक्टर मिशन केवल एक फ़ैब स्थापित करने या एक चिप बनाने तक सीमित नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक मज़बूत सेमीकंडक्टर इकोसिस्‍टम का निर्माण कर रहा है जो देश को आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा।

भारत के सेमीकंडक्टर मिशन की एक अन्य प्रमुख विशेषता को रेखांकित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि देश इस क्षेत्र में दुनिया की सबसे उन्नत तकनीकों के साथ-साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत का ध्यान घरेलू स्तर पर निर्मित चिप के माध्यम से उभरती तकनीकों को सशक्त बनाने पर है। प्रधानमंत्री ने बताया कि नोएडा और बेंगलुरु में विकसित किए जा रहे डिज़ाइन केंद्र दुनिया के कुछ सबसे उन्नत चिप पर काम कर रहे हैं—जो अरबों ट्रांजिस्टर संग्रहीत करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि ये चिप 21वीं सदी की व्यापक तकनीकों को शक्ति प्रदान करेंगे। वैश्विक सेमीकंडक्टर क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने पुष्टि की कि भारत इन चुनौतियों से निपटने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि शहरों में ऊंची इमारतें और प्रभावशाली भौतिक अवसंरचनाएं दिखाई देती हैं, लेकिन उनका आधार स्टील पर टिका है। इसी प्रकार, भारत के डिजिटल अवसंरचना की नींव महत्वपूर्ण खनिजों पर टिकी है। श्री मोदी ने कहा कि भारत वर्तमान में राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन पर काम कर रहा है और दुर्लभ खनिजों की अपनी मांग को घरेलू स्तर पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में, महत्वपूर्ण खनिज परियोजनाओं पर उल्लेखनीय प्रगति हुई है।

सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विकास में सरकार द्वारा स्टार्ट-अप्स और एमएसएमई की महत्वपूर्ण भूमिका की परिकल्पना को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने उल्‍लेख किया कि भारत दुनिया की सेमीकंडक्टर डिज़ाइन प्रतिभा का 20 प्रतिशत योगदान देता है और देश के युवा सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए सबसे बड़े मानव श्रम पूंजी कारखाने का प्रतिनिधित्व करते हैं। युवा उद्यमियों, नवप्रवर्तकों और स्टार्ट-अप्स को संबोधित करते हुए, श्री मोदी ने उनसे आगे आने का आग्रह करते हुए आश्वासन दिया कि सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने कहा कि डिज़ाइन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना और चिप-टू-स्टार्टअप कार्यक्रम विशेष रूप से उनके लिए डिज़ाइन किए गए हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि डिज़ाइन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना को उसके उद्देश्यों की बेहतर पूर्ति के लिए पुनर्गठित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र में भारतीय बौद्धिक संपदा (आईपी) के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हाल ही में शुरू किया गया राष्ट्रीय अनुसंधान कोष भी रणनीतिक गठजोड़ के माध्यम से इस प्रयास का समर्थन करेगा। कई राज्यों की सेमीकंडक्टर मिशन में सक्रिय रूप से भागीदारी और इस क्षेत्र के लिए विशेष रूप से तैयार की गई नीतियों को देखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये राज्य समर्पित बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने सभी राज्यों से सेमीकंडक्टर इकोसिस्‍टम बनाने और अपने क्षेत्रों में निवेश के वातावरण को बढ़ाने के लिए एक-दूसरे के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में शामिल होने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने पुष्टि की कि भारत सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मंत्र पर चलकर इस मुकाम तक पहुंचा है। अगली पीढ़ी के सुधारों का एक नया चरण जल्द ही शुरू किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर मिशन के अगले चरण पर काम चल रहा है। उपस्थित सभी निवेशकों को संबोधित करते हुए, उन्होंने खुले दिल से उनका स्वागत करने की भारत की तत्परता व्यक्त करते हुए कहा कि डिज़ाइन तैयार है। मास्क संरेखित है। अब सटीक निष्पादन और बड़े स्‍तर पर वितरण का समय है। उन्होंने कहा कि भारत की नीतियां अल्पकालिक संकेत नहीं, बल्कि दीर्घकालिक प्रतिबद्धताएं हैं और आश्वासन दिया कि प्रत्येक निवेशक की ज़रूरतें पूरी की जाएंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब दुनिया कहेगी: भारत में डिज़ाइन, भारत में निर्मित, दुनिया द्वारा विश्वसनीय। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन इस कामना के साथ किया कि भारत के प्रयासों का हर हिस्सा सफल हो, हर बाइट नवाचार से भरी हो, और यह यात्रा त्रुटि-मुक्त और उच्च-प्रदर्शन वाली बनी रहे।

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