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अब कार, बाइक और स्कूटर का आरसी ट्रांसफर कराना हुआ बेहद आसान, क्या है प्रोसेस

अब कार, बाइक और स्कूटर का आरसी ट्रांसफर कराना हुआ बेहद आसान, क्या है प्रोसेस

अपना व्हीकल बेचना किसी के लिए भी बड़ा फैसला होता है लेकिन उसके बाद सबसे जरूरी काम होता है- नए मालिक को व्हीकल की ओनरशिप ट्रांसफर करना. यानी, व्हीकल उनके नाम करना. इसके लिए सबसे सबसे पहले, सभी जरूरी दस्तावेज इकट्ठा कर लें. आपको ऑरिजनल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) और खरीद बिल (Purchase Invoice) की जरूरत पड़ेगी. यहां हम आपको बता रहे हैं कि आप इस काम को कैसे आसानी से पूरा कर सकते हैं. जानें स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस.

RC ट्रांसफर प्रक्रिया

भारत में आरसी ट्रांसफर प्रक्रिया को दो व्यापक श्रेणियों में विभाजित किया गया है– राज्य के भीतर और राज्य के बाहर. राज्य की सीमाओं के भीतर ही यदि वाहन खरीदा या बेचा गया है, तो ऐसे में राज्य के भीतर ही आरसी ट्रांसफर की जाती है. वहीं अगर दूसरे राज्य में उसे बेचा जाता है, उस समय अंतरराज्यीय आरसी ट्रांसफर की जाती है.

ये हैं जरूरी डॉक्यूमेंट्स

गाड़ी का मालिकाना हक बदलवाने के लिए गाड़ी बेचने वाले और खरीदार को संबंधित आरटीओ में आवेदन करना पड़ता है. आजकल ऑनलाइन भी आवेदन किया जा सकता है. जिस राज्य में गाड़ी रजिस्टर्ड है अगर वह खरीदार के राज्य से अलग है, तो नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (Form 28) की जरूरत पड़ती है. सामान्य परिस्थितियों में ओनरशिप ट्रांसफर कराने के लिए इन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है.

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