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रायपुर। जैन पुराणों द्वारा काल गणना के आधार पर आज से लगभग 65 लाख 95 हजार 721 वर्ष पूर्व जन्में जैन धर्म के बीसवें तीर्थंकर 1008 श्री मुनिसुव्रतनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक दिवस बहुत ही भक्ति और उल्लास के साथ डी.डी.नगर स्थित वासुपूज्य दिगंबर जैन मंदिर में मंगलवार को मनाया गया। संकटमोचक और शनिग्रह के दोष-बाधा निवारण के लिए विशेष अर्चना किए जाने वाले मुनिसुव्रत नाथ भगवान को आज ही के दिन फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी को सम्मेदशिखर तीर्थक्षेत्र से मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। इस अवसर पर 1008 श्री वासुपूज्य दिगंबर जैन में विशेष रूप से तैयार किया गया निर्वाण लाडू भगवान के श्रीचरणों में अर्पित किया गया।
चयन के आधार पर निर्वाण लाडू चढ़ाने का अवसर डाॅ. मंजुला जैन व उनके परिवार को प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर आर्यिका माता द्वारा विरचित विशेष मुनिसुव्रतनाथ विधान का आयोजन राजेश जैन सिंघई, वर्षा जैन सिंघई व परिवार द्वारा किया गया। प्रातःकालीन अभिषेक एवं शांतिधारा के पश्चात् अष्ट द्रव्यों और मंत्रोपचार के साथ भक्तिभाव के साथ जैन समाज के लोगों ने भगवान को अघ्र्यों के माध्यम से अपने भाव समर्पित किए। जैन आगमों के अनुसार भगवान मुनिसुव्रत नाथ के काल में भगवान राम, लक्ष्मण और रावण का जन्म हुआ था। संकटमोचन भगवान के मोक्ष प्राप्ति के इस महत्वपूर्ण अवसर पर श्री आदिश्वर महिला मंडल और श्री वासुपूज्य सेवा समिति के संयोजन में हुए इस कार्यक्रम में विकास जैन, पवन सेठी, मनोज जैन, राजुल जैन सिंघई, आशीष जैन, एम के जैन, यशवंत जैन, श्रृद्धा जैन, अनीता जैन, जया जैन, नंदा जैन, प्रभा जैन, चंद्रप्रभा जैन, सुमन जैन, संगीता जैन, आरती जैन, सुषमा जैन, ज्योति जैन, आभा जैन, प्रभा जैन सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे।