छत्तीसगढ़राज्य

मॉकड्रिल- झुमका जलाशय में डूबते को बचाया, टापू में फंसे थे 2 मछुवारे सहित 10 लोग

कोरिया। जिले में आपदा प्रबंधन की तैयारियों का आकलन और आम नागरिकों को जागरूक करने के उद्देश्य से आज झुमका जलाशय में व्यापक मॉक ड्रिल (मॉक एक्सरसाइज) आयोजित की गई। यह अभ्यास राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली, छत्तीसगढ़ राज्य आपदा प्राधिकरण, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, कोरिया के संयुक्त तत्वावधान में सम्पन्न हुआ।

अभ्यास का उद्देश्य

जलाशय क्षेत्र में संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए मॉकड्रिल कर ग्रामीणों को आपदा से बचाव के उपाय बताए गए। अभ्यास में यह दर्शाया गया कि बाढ़ जैसी आपदा आने पर किस प्रकार तेजी से राहत और बचाव कार्य किया जाए तथा डूबते लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए।

अभ्यास की प्रमुख गतिविधियां

बाढ़ की आशंका को देखते हुए ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का अभ्यास किया गया। जलाशय में डूबते दो व्यक्तियों को जवानों द्वारा तत्परता से निकाला गया। दो मछुवारे सहित 10 पर्यटक जलाशय के टापू में फंस गए थे। रेस्क्यू टीम ने बड़ी ततपरता के साथ सभी को सकुशल बाहर निकालने में सफल हुए। नाव पलटने की स्थिति में लोगों को सुरक्षित बचाने की तकनीक का प्रदर्शन भी किया गया। टीम ने बाढ़ के तेज बहाव में फंसे ग्रामीणों को निकालने की प्रक्रिया को समझाया। पीड़ितों को सुरक्षित बाहर निकालकर फायर कर्मियों द्वारा एम्बुलेंस से स्वास्थ्य टीम तक पहुंचाया गया। मौके पर मौजूद चिकित्सकों और स्वास्थ्य स्टाफ द्वारा तत्काल प्राथमिक उपचार देना।

आपदा प्रबंधन टीम ने ग्रामीणों को बताया कि बाढ़ जैसी स्थिति में घबराएं नहीं, सुरक्षित ऊंचाई वाले स्थानों पर पहुंचें, बच्चों और बुजुर्गों को पहले सुरक्षित करें तथा नाव या रस्सी का उपयोग कर बचाव दल का सहयोग लें। इसके अलावा आपदा के समय बिजली उपकरणों से दूरी बनाए रखने और साफ पीने के पानी का उपयोग करने जैसी सावधानियों की जानकारी भी दी गई। जिला सेनानी एवं अग्निशमन विभाग द्वारा अभ्यास हेतु होमगार्ड सहित बचाव दल, आवश्यक उपकरण, सामग्री मोटर बोट उपलब्ध कराया गया था।

झुमका जलाशय में आयोजित इस मॉकड्रिल से न केवल जिला प्रशासन और संबंधित विभागों की तैयारियों का आकलन हुआ, बल्कि ग्रामीणों को भी आपदा से निपटने का व्यावहारिक प्रशिक्षण मिला। इस तरह के अभ्यास समय-समय पर होते रहने से जनहानि को कम करने और आपदा की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने में मदद मिलेगी।

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