बाजरा से बाजार तक: 793 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन धन राशि से देश भर में किसान और उद्यमी सशक्त बने

दिल्ली। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के समग्र विकास को बढ़ावा देने और इसे सुनिश्चित करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय अपनी दो केंद्रीय क्षेत्र योजनाओं, जैसे कि प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई), खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई) और केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) योजना के माध्यम से बाजरा प्रसंस्करण इकाइयों सहित संबंधित बुनियादी ढांचे की स्थापना/विस्तार को प्रोत्साहित कर रहा है।
पीएलआईएसएमएफपीआई योजना का एक घटक बाजरा आधारित उत्पादों (एमबीपी) पर केंद्रित है, जिसके लिए 800 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। बाजरा आधारित उत्पादों के लिए पीएलआईएसएमबीपी योजना का उद्देश्य खाद्य उत्पादों में बाजरा के उपयोग को बढ़ाना तथा घरेलू और निर्यात बाजारों में चयनित बाजरा आधारित उत्पादों के विनिर्माण और बिक्री को प्रोत्साहन देकर उनके मूल्यवर्धन को बढ़ावा देना है। अब तक, पीएलआईएसएमबीपी के लिए आवंटित कुल 800 करोड़ रुपये में से 793.27 करोड़ रुपये 29 आवेदकों को प्रोत्साहन देने के लिए स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें 8 बड़े तथा 21 लघु और मध्यम उद्यम शामिल हैं।
पीएमएफएमई योजना के तहत देश के 21 जिलों में बाजरा आधारित उत्पादों को ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ओडीओपी) के रूप में चिन्हित किया गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष (आईवाईओएम 2023) के तहत विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 30 जिलों में ‘बाजरा महोत्सव’ का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों, विशेष रूप से बाजरा उत्पादों के प्रसंस्करण में लगे उद्यमियों को सहायता प्रदान करना था। इसका लक्ष्य स्टार्टअप्स और उद्यमियों को प्रोत्साहित करना तथा खाद्य उद्योग के सूक्ष्म सेक्टर को सशक्त बनाना था। बाजरा आधारित उत्पादों के विनिर्माण में लगे 4366 उद्यमियों को 226.40 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया है।
पीएमकेएसवाई की घटक योजना ‘खाद्य प्रसंस्करण एवं संरक्षण क्षमताओं के सृजन/विस्तार’ (सीईएफपीपीसी) के तहत देश में बाजरा आधारित एक खाद्य प्रसंस्करण इकाई को मंजूरी दी गई है।
पीएमएफएमई योजना के ब्रांडिंग और विपणन घटक के तहत बाजरा आधारित उत्पादों के प्रसंस्करण सहित सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के एफपीओ/एसएचजी/सहकारी समितियों या एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) को उपभोक्ता खुदरा बिक्री के लिए गुणवत्ता नियंत्रण, मानकीकरण और खाद्य सुरक्षा मानकों का अनुपालन करने के प्रावधान के साथ एक सामान्य पैकेजिंग और ब्रांडिंग विकसित करने के लिए सहायता प्रदान की जाती है।
योजना के कार्यान्वयन के माध्यम से बाजरा आधारित उत्पादों के प्रसंस्करण के कारण किसानों की आय पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करने के लिए एमओएफपीआई द्वारा कोई विशिष्ट अध्ययन नहीं किया गया है। पीएलआईएसएफपीआई के तहत प्रोत्साहन तभी लागू होते हैं, जब विनिर्माण प्रक्रियाओं की पूरी श्रृंखला भारत में होती है। पीएलआईएसएफपीआई के तहत अनुमोदित कृषि प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का कुल निर्यात 2019-20 के संदर्भ में 2024-25 तक 13.23 प्रतिश्त की सीएजीआर के साथ बढ़ा है।
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।