
दिल्ली: भारत सरकार भगोड़े अपराधियों को लंदन से लाने की तैयारी कर रही है। इसमें बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या, हीरा व्यवसायी नीरव मोदी और आर्म्स डीलर संजय भंडारी शामिल हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन्हें लाने के लिए ईडी, सीबीआई और एनआईए की टीम लंदन जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के सीनियर अफसरों की टीम और ब्रिटेन स्थित भारतीय हाईकमीशन के बीच लंदन में मीटिंग शेड्यूल्ड है। इस मीटिंग में ब्रिटेन के अफसर भी शामिल होंगे। इसमें भारत के अधिकारी ये जानकारी जुटाएंगे कि इन भगोड़े अपराधियों ने लंदन और अन्य देशों में कौन सी प्रॉपर्टीज में पैसा लगाया और कहां-कहां ट्रांजैक्शन किया। भारत और ब्रिटेन के बीच आपस में जानकारियां साझा करने के लिए म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी है। इसी संधि के तहत भगोड़े आर्थिक अपराधियों को लेकर दूसरे देश से इन्फॉर्मेशन हासिल की जाती है। माल्या, नीरव मोदी और संजय भंडारी को यूके से लाया जाना है।
30 से अधिक आरोपी मनी लांड्रिंग में है लिप्त-
270 से ज्यादा भारतीय ऐसे हैं, जिनके खिलाफ रेड नोटिस जारी किया गया है, इनमें से 30 से ज्यादा आर्थिक अपराधी हैं। इन पर बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग या बैंक धोखाधड़ी के आरोप है। अब भारत सरकार इन धोखेबाजों को देश वापस लाने के लिए कोशिशें कर रही हैं। भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम नया कानून है, इसके दायरे में एजेंसियां भगोड़ों की सभी प्रॉपर्टी जब्त कर सकती हैं। ये प्रॉपर्टी चाहे अपराध क्षेत्र के अंदर हों या बाहर, इस कानून के मुताबिक जो व्यक्ति 100 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक अपराध करने के बाद देश छोड़ गया हो और जांच के लिए कोर्ट में हाजिर न हो रहा हो।