महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन : सरकार ने मानी मनोज जरांगे की सभी मांगे

महाराष्ट्र(Maharashtra)में मराठ(Maratha)आरक्षण आंदोलन खत्म हो गया है। शिंदे(Shinde)सरकार ने आंदोलनकारियों की सभी मांगें मान ली हैं। शनिवार (27 जनवरी) को सीएम एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता म​​​नोज जरांगे से नवी मुंबई में मुलाकात की।(Maharashtra Maratha reservation movement ) उन्होंने जरांगे को जूस पिलाकर उनका अनशन खत्म करवाया और अध्यादेश की कॉपी सौंपी।

 

 

आंदोलन खत्म करने के बाद जरांगे ने कहा- हम 4 महीने से मराठा आरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे थे। मराठा आरक्षण के लिए करीब 350 युवाओं ने आत्महत्या की। आज उनका सपना साकार हुआ। अब सरकार पर आरक्षण लागू करने की जिम्मेदारी है। अगर इस बार धोखा हुआ तो मैं मुंबई के आजाद मैदान आ जाऊंगा।

 

इससे पहले शुक्रवार को जरांगे ने शिंदे सरकार को आज सुबह 11 बजे तक का अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा था- अगर 11 बजे तक आरक्षण का अध्यादेश जारी नहीं किया गया, तो वे 12 बजे मुंबई के आजाद मैदान पहुंचकर आंदोलन करेंगे।

 

इसके बाद शिंदे सरकार ने देर रात अध्यादेश का ड्राफ्ट जरांगे के पास भेजा। इसमें जरांगे की मांगों का जिक्र था। मनोज जरांगे ने शुक्रवार (26 जनवरी) देर रात आंदोलन खत्म करने की जानकारी दी। उन्होंने कहा- ‘सीएम एकनाथ शिंदे ने अच्छा काम किया है। हमारी अपील मान ली गई है। हमारा विरोध अब खत्म हुआ।(Maharashtra Maratha reservation movement)

 

 

1. अब तक 54 लाख लोगों के कुनबी होने का प्रमाण मिला है। उन सभी लोगों को कुनबी का कास्ट सर्टिफिकेट दिया जाएगा। जरांगे ने सरकार से 4 दिनों के भीतर सर्टिफिकेट देने की मांग की थी। सरकार ने कहा है कि वंशावली मिलान के लिए एक कमेटी बनाई गई है। इसके बाद सर्टिफिकेट बांटे जाएंगे।

 

2. मराठा प्रदर्शनकारियों को उन 37 लाख लोगों की जानकारी दी जाएगी, जिन्हें प्रमाणपत्र दिये जा चुके हैं। राज्य सरकार ने कहा है कि जरांगे को कुछ दिनों में यह डेटा दिया जाएगा।

 

3. शिंदे कमेटी का कार्यकाल दो महीने बढ़ाया गया है। प्रदर्शनकारी इसे एक साल बढ़ाने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारी चाहते थे कि इस कमेटी को मराठाओं के कुनबी रिकॉर्ड की खोज जारी रखनी चाहिए। सरकार ने कमेटी का कार्यकाल फेज वाइज बढ़ाने का आश्वासन दिया है।

 

4. आंदोलनकारियों की मांग के मुताबिक, जिन लोगों का रजिस्ट्रेशन हुआ है, उनके करीबी रिश्तेदारों को भी कुनबी सर्टिफिकेट दिया जाएगा। सरकार इस संबंध में आदेश जारी करने के लिए तैयार हो गई है।

 

5. महाराष्ट्र की विभिन्न जगहों पर मराठा आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे। गृह विभाग ने कहा है कि तय प्रक्रिया का पालन करते हुए केस वापस लिये जाएंगे।

 

6. मराठाओं की मांग थी कि आरक्षण मिलने तक उनके बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाए। साथ ही आरक्षण मिलने तक सरकारी भर्तियां रोक दी जाएं या सीटें आरक्षित की जाएं। सरकार ने मांग के पहले हिस्से को नहीं माना है। राज्य सरकार सिर्फ मराठा लड़कियों को पोस्ट ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्षा मुहैया कराएगी। हालांकि, इसके लिए सरकारी निर्देश जारी नहीं किया गया है।

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