मध्य प्रदेशराज्य

मध्यप्रदेश ने देश में सबसे पहले लागू की है “ई-समन” व्यवस्था : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि लोकमाता देवी अहिल्या बाई की 300वीं जयंती के उपलक्ष में मंत्रि-परिषद की बैठक का आयोजन माँ नर्मदा के किनारे होल्कर शासकों की राजधानी रहे महेश्वर में किया गया। देवी अहिल्या माता हों या रानी दुर्गावती, दोनों ने ही विदेशी आक्रांताओं के विरुद्ध संघर्ष के साथ सुशासन स्थापित करते हुए नारी सशक्तिकरण के अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन के अनुसार गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी सशक्तिकरण के चार स्तंभों पर आधारित व्यवस्था के अंतर्गत मंत्रि-परिषद की बैठक में महिला नीति संबंधित विषय पर महत्वपूर्ण निर्णय प्रस्तावित हैं। शराब, सामाजिक बुराई है, इससे पारिवारिक स्तर पर समस्याएं होने के साथ ही समाज में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होते हैं, पारिवारिक और सामाजिक हित में 19 धार्मिक नगरों और ग्राम पंचायतों में शराबबंदी के संबंध में निर्णय लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मंत्रि-परिषद के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर प्रख्यात विधि विशेषज्ञ थे। उनकी जन्म स्थली महू में स्थापित डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय को सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के रूप में भी विकसित किया जाएगा। विश्वविद्यालय में विधि संकाय स्थापित करने के उद्देश्य से आधारभूत संरचनाओं के लिए 25 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जानकारी दी कि भोपाल में दिनांक 23 जनवरी को लोकार्पित सेतु का नामकरण डॉ. अंबेडकर पर किया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानून के क्रियान्वयन के अंतर्गत मध्यप्रदेश ने देश में सबसे पहले “ई-समन” व्यवस्था लागू की। केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह के द्वारा नए आपराधिक कानून के क्रियान्वयन के संबंध में नई दिल्ली में ली गई बैठक में नए कानूनों के क्रियान्वयन की दृष्टि से मध्यप्रदेश की अग्रणी व आदर्श राज्य के रूप में सराहना हुई। इस व्यवस्था से पुलिस बल के समय और संसाधनों की बचत होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बंदी जेल में विद्यमान क्यूबिक से ही न्यायालयीन प्रक्रिया में शामिल होंगे। ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि उन्हें न्यायालय न जाना पड़े। इसी प्रकार चिकित्सकों द्वारा अस्पताल से ही बयान दर्ज कराने की व्यवस्था भी की जा रही है। इन नवाचारों से पुलिस बल को कई प्रक्रियागत कार्यों में सुविधा मिलेगी और पुलिस के लगभग 30% कार्य व समय की बचत होगी। राज्य सरकार समय-सीमा में प्राथमिकता से इसे लागू करने के लिये प्रतिमाह बैठक कर प्रगति की समीक्षा करेगी।

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