स्वच्छ भारत मिशन में मध्यप्रदेश ने देश भर में श्रेष्ठता का परचम फहराया…
भोपाल: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने सार्वजनिक जीवन में स्वच्छता को हमेशा श्रेष्ठ स्थान पर रखा। महात्मा गांधी देश में आधुनिक तरक्की के साथ-साथ स्वच्छ भारत की कल्पना भी करते थे। महात्मा गांधी स्वच्छता को जन आंदोलन बनाना चाहते थे। उनका मानना था कि स्वच्छ भारत से ही पूरी दुनिया में भारत की अच्छी पहचान बनेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा गांधी के इस सपने को पूरा करने के लिए वर्ष 2014 से स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत की। उनके इस जन आंदोलन से स्वच्छ भारत मिशन में कचरे और कचरे में काम करने वाले लोगों के प्रति सोच बदली है। मध्यप्रदेश के सभी शहरों ने इस दिशा में पिछले 9 वर्षो में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किये हैं। नागरिकों के सकारात्मक प्रयासों से व्यक्तिगत शौचालय, सार्वजनिक शौचालय सुविधा, अपशिष्ट प्रबंधन आदि मध्यप्रदेश में स्वच्छता जनआंदोलन को नई गति मिली है।
स्वच्छता के मामले में इंदौर बना देशभर में ब्रांड अम्बेसडर-
देश में जब भी स्वच्छ शहरों की बात होती है तो लोग इंदौर का जिक्र जरूर करते है। इंदौर पिछले 7 वर्षो से सारे हिन्दुस्तान में सर्वश्रेष्ठ शहर के रूप में पहला पुरस्कार प्राप्त कर रहा है। अब इंदौर स्वच्छता के मामले में देश में ब्रांड अम्बेसडर बन गया है। इस पुरस्कार को लगातार प्राप्त करने में इंदौर के नागरिकों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। नागरिक अब शहर की स्वच्छता को लेकर सजग और जागरूक हुये है। शहर को स्वच्छ रखने के महत्वपूर्ण कार्य में वे प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे है। पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने के लिए कार्बन उत्सर्जन को सीमित और कम करने के प्रयास किये जा रहे है। इंदौर शहर में इस मामले में आय भी प्राप्त की जा रही है। कार्बन क्रेडिट से राशि अर्जित करने वाला इंदौर देश का पहला शहर है।
स्वच्छ राज्य के रूप में मध्यप्रदेश की पहचान-
स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) में मध्यप्रदेश ने वर्ष 2023 में श्रेष्ठ राज्य के रूप में देशभर में दूसरे स्थान की रैकिंग प्राप्त की है। इस वर्ष राज्य के 6 शहरों ने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किये हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण में सफाई के मापदण्डों के अनुसार केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा स्टार रेटिंग भी दी जाती है। राज्य के कई शहरों ने अच्छी रेटिंग प्राप्त कर अपनी जगह बनाई है।