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Lok Sabha Election 2024: 7 चरणों में होगा चुनाव, वोटों की गिनती 4 जून को, आचार संहिता लागू …

नई दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है। इसके मुताबिक, सात चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे, चुनाव के नतीजे चार जून को आएंगे। इसके साथ ही देशभर में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है।

सात चरणों में होगा लोकसभा चुनाव-

पहला चरण
मतदान: 19 अप्रैल
राज्य: 21
लोकसभा सीटें: 102

दूसरा चरण
मतदान: 26 अप्रैल
राज्य: 13
लोकसभा सीटें: 89

तीसरा चरण
मतदान: 7 मई
राज्य: 12
लोकसभा सीटें: 94

चौथा चरण
मतदान: 13 मई
राज्य: 10
लोकसभा सीटें: 96

पांचवां चरण
मतदान: 20 मई
राज्य: 8
लोकसभा सीटें: 49

छठा चरण
मतदान: 25 मई
राज्य: 7
लोकसभा सीटें: 57

सातवां चरण
मतदान: 1 जून
राज्य: 8
लोकसभा सीटें: 57

नतीजे: 4 जून 2024

झूठ के बाजार में रौनक बहुत होती है-

राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग समेत किसी की भी आलोचना करने की पूर्ण स्वतंत्रता है, लेकिन फेक न्यूज, अफवाहें फैलाने की आजादी नहीं है। हर राज्य के अधिकारियों को अधिकार दिया गया है ताकि वे आपत्तिजनक बयानों से जुड़ी पोस्ट हटाने को कह सकें। अगर कोई झूठा नरैटिव फैला रहा है तो हम उसका पुरजोर मुकाबला करेंगे। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर झूठ बनाम हकीकत नाम से शृंखला शुरू की जाएगी। मतदाताओं से भी अनुरोध है कि सोशल मीडिया पर जो भी आए, उसे आंख बंदकर आगे न बढ़ाएं। झूठ के बाजार में रौनक बहुत होती है।

नेताओं का बाहुबल-धनबल काम नहीं आएगा-

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव में हिंसा कोई स्थान नहीं होना चाहिए। इस बार नया प्रयोग किया जा रहा है। जो भी हमें सख्ती से करना होगा, हम करेंगे। हर जिले में एक कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। वहां टीवी, सोशल मीडिया, वेब कास्टिंग, 1950 हेल्पलाइन और शिकायत पोर्टल होगा। इस पर निगरानी के लिए हर जिले के ऐसे कंट्रोल रूम में एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। जहां भी शिकायत मिलेगी, वहां सख्त कार्रवाई होगी। जिन लोगों के पास गैर जमानती वॉरंट हैं और जो हिस्ट्रीशीटर्स हैं, उन पर देशभर में कार्रवाई की जा रही है। जो लोग तीन साल से किसी एक जिले में पदस्थ हैं, उन्हें बदलने को कहा गया है। जहां भी वॉलंटियर और अनुबंध पर लोग काम कर रहे हैं, उन्हें चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा। कुछ राज्यों में धन का उपयोग ज्यादा है। हम इससे भी निपट रहे हैं। पिछले 11 चुनाव में 3,400 करोड़ रुपये की नकदी के गैरकानूनी इस्तेमाल को रोका गया है। 2017-18 के मुकाबले 2022-23 में ऐसे धन की जब्ती में 835 फीसदी का इजाफा हुआ है। शराब, कैश, कुकर, साड़ी बांटने जैसे तरीकों को रोकने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। बैंक भी यह देखेंगे कि कहीं अचानक से नकदी की मांग में इजाफा तो नहीं हो रहा। हर बंदरगाहों, हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, सड़क मार्ग पर सख्त निगरानी होगी। जहां हेलीकॉप्टर या चार्टर्ड उड़ानें उतरेंगी, वहां सामान की जांच होगी।

85 वर्ष से ज्यादा उम्र के मतदाता घर बैठे वोट दे सकेंगे-

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार पूरे देश में एक व्यवस्था पहली बार लागू होने जा रही है। जो 85 वर्ष से ज्यादा उम्र के मतदाता हैं या जो 40 फीसदी से ज्यादा विकलांगता वाले वोटर हैं, उनके पास फॉर्म 12 डी पहुंचाया जाएगा। अगर वे मतदान केंद्र पर नहीं जाना चाहते तो उनके घर जाकर उनका वोट पंजीकृत किया जाएगा। इसके लिए हमने चुनावी ड्यूटी में लगे कर्मियों को प्रशिक्षित कर दिया है।

नए मतदाताओं में 85 लाख महिलाएं, 1 अप्रैल से 13.4 लाख नए मतदाता जुड़ेंगे-

उन्होंने कहा कि महिला मतदाताओं को जोड़ने में भी हमने मेहनत की है। देश के 12 राज्य ऐसे हैं, जहां महिला वोटरों की संख्या पुरुष मतदाताओं से ज्यादा हो गई है। इस बार 18 से 19 वर्ष के 1.8 करोड़ मतदाताओं में 85 लाख तो महिला मतदाता हैं। 17 से ज्यादा उम्र के 13.4 लाख नए मतदाताओं की अग्रिम अर्जियां हमारे पास आ चुकी हैं। ये ऐसे वोटर होंगे, जो 1 अप्रैल को 18 साल की उम्र पूरी कर लेंगे।

मतदाता सूची की प्रक्रिया में राजनीतिक दलों को शामिल किया गया-

उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया में शामिल किया गया है ताकि बाद में कोई यह नहीं कहे कि हमें नहीं बताया गया। जिलाधिकारियों ने हर जिले में राजनीतिक दलों के साथ बैठकें की हैं। उनकी आपत्तियों का निराकरण किया गया है।

CEC ने बताई हर उम्र वर्ग के मतदाताओं की कुल संख्या-

हमने पिछले एक साल में नए वोटरों को जोड़ने पर बहुत मेहनत की है। इस बार 18 से 19 वर्ष के 1.8 करोड़ मतदाता होंगे। 20 से 29 साल उम्र के 19.74 करोड़ मतदाता होंगे। 82 लाख मतदाता ऐसे हैं, जिनकी उम्र 85 साल से ज्यादा है।

भारत में मतदाताओं की संख्या अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया के कुल मतदाताओं से कहीं ज्यादा-

राजीव कुमार ने कहा कि भौगोलिक, सांस्कृतिक रूप से विविध इस देश के सबसे बड़े चुनाव के लिए हमने दो वर्ष तक तैयारी की है। हमारे पास 97 करोड़ मतदाता हैं। यह संख्या अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया के कुल मतदाताओं से कहीं ज्यादा है। हमारे पास 10.5 लाख मतदान केंद्र हैं, जिनकी जिम्मेदारी डेढ़ करोड़ लोगों के पास होती है। 55 लाख ईवीएम हैं। चुनाव आयोग अब तक 17 आम चुनाव और 400 से ज्यादा विधानसभा चुनाव करा चुका है। पिछले 11 चुनाव शांतिपूर्ण रहे हैं। अदालती मुकदमे कम हुए हैं।

सीईसी बोले- देश की चमक बढ़ाने वाला चुनाव कराएंगे-

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “यह हम लोगों के लिए ऐतिहासिक क्षण है। 2024 दुनिया के लिए भी चुनावों का साल है। दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र के रूप में भारत पर सभी का ध्यान केंद्रित रहता है। लोकतंत्र के रंग यहां उभरते हैं और सभी हिस्सों का इसमें समावेश होता है। हमारा वादा है कि हम चुनाव इस तरह कराएंगे जो देश की चमक को बढ़ाएगा। 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो रहा है। जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव होना बाकी हैं।”

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